फिल्म अभिनेत्री रेखा और प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप अपना कार्यकाल पूरा किया। सत्र के दौरान दोंनों रेखा और सचिन को संसद की बेंच पर नहीं देखा गया। अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान दोनों संसद के हुए सभी सत्रों में महज एक या दो दिन सदन में मौजूद रहे। यह मौजूदगी इसलिए भी रही ताकि उनकी राज्यसभा सदस्यता लगातार बनी रहे।
बतौर सांसद दोनों ने अपने कार्यकाल के दौरान सवाल पूछना, जवाब देना और कानून बनाने के काम को कोई तरजीह नहीं दी। राज्यसभा वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों को देखें तो 6 साल के कार्यकाल के दौरान रेखा ने एक भी सवाल नहीं पूछा। जब कोई सांसद सदन में सवाल पूछता है तो उसका जवाब केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाता है और उस सवाल-जवाब को संसद के रजिस्टर में दर्ज कर लिया जाता है| साथ ही उसे राज्यसभा की वेबसाइट पर अपडेट कर दिया जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि संसद की तरफ से रेखा को सदन के कामकाज में शामिल करने की कोई पहल नहीं की गई। रेखा को सितंबर 2016 से फूड, कंज्यूमर अफेयर्स और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन की समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया। इस समिति में रेखा के किसी तरह के योगदान का ब्यौरा संसद के पास नहीं है।
रेखा की सदन में मौजूदगी का आंकड़ा बताता है कि सभी मनोनीत सदस्यों में उनकी अटेंडेंस सबसे खराब रही है। उनके कार्यकाल में अगस्त 2017 तक हुए संसद के कुल 373 सिटिंग्स में वह 18 सिटिंग्स में शामिल रहीं। पूरे कार्यकाल के दौरान उनकी कुल अटेंडेंस महज 5 फीसदी रही। हालांकि रेखा ने अपने कार्यकाल के दौरान इतनी सावधानी बरती कि उनकी सदस्यता पूरे कार्यकाल तक बनी रही। संसद के नियम के मुताबिक यदि कोई सांसद संसद के कामकाज से लगातार 60 दिनों तक बिना सूचना गायब रहता है को उसकी सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। लेकिन रेखा की अटेंडेंस कभी भी 60 दिन के इस नियम के खिलाफ नहीं गई और उन्हें पूरे कार्यकाल तक सांसद की सुविधाएं मिलती रही।
सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड रेखा से बेहतर है। रेखा के शून्य सवालों के जवाब में सचिन के रिकॉर्ड में 22 सवाल दर्ज हैं जिनका ब्यौरा राज्यसभा की वेबसाइट पर शामिल किया गया है। उनके सवाल रेलवे नेटवर्क के इलेक्ट्रिफिकेशन, न्यू एजुकेशन पॉलिसी में स्पोर्ट्स को बतौर विषय शामिल करना और रेलवे सुरक्षा जैसे विषयों पर केन्द्रित रहे।
सचिन के इन सवालों के जवाब में केन्द्र सरकार की तरफ से योगा और स्पोर्ट्स को स्कूल सब्जेक्ट बनाने और स्पोर्ट्स को कंपल्सरी सब्जेक्ट के उनके सवालों का जवाब भी दिया गया। सचिन के जिन सवालों के जवाब सरकार द्वारा दिए गए उन्हें सचिन ने दिसंबर 2015 में पूछे थे। संसद की तरफ से उन्हें भी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी समिति का 2016 में सदस्य बनाया गया था हालांकि इस समिति में उनके योगदान का ब्यौरा संसद ने जारी नहीं किया है। जहां तक संसद के अटेंडेंस रजिस्टर का सवाल है सचिन की अटेंडेंस रेखा जितनी खराब नहीं थी लेकिन उनकी अटेंडेंस को अच्छा भी नहीं कहा जा सकता। सचिन के कार्यकाल में अगस्त 2017 तक संसद के कुल 373 सिटिंग्स में वह 25 सिटिंग्स में शामिल रहे हैं| यानी सचिन की अटेंडेंस कुल 7 फीसदी रही।
रेखा की तर्ज पर सचिन ने भी अपने कार्यकाल के दौरान इतनी सावधानी बरती कि उनकी सदस्यता पर कभी खतरा नहीं पैदा हुआ। सचिन ने अपने 6 साल के कार्यकाल में संसद के लगभग सभी सत्रों में एक से 2 दिन हाजिरी लगाई और कभी भी संसद के सत्र के दौरान लगातार 60 दिन तक गायब नहीं रहे। सचिन 6 साल के दौरान 3 बार संसद को सूचना देते हुए गायब रहे और इसके लिए सचिन ने क्रिकेट मैच और कारोबारी व्यस्तता का हवाला दिया।