नई दिल्ली। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने बीते सोमवार को कहा कि हम सामूहिक रूप से उन विचाराधाराओं का विरोध करेंगे जो राष्ट्रीयता के समग्र सार को अस्वीकार करते हैं। हम लोगों को आपस में बांटने वालों, घृणा और कट्टरता फैलाने वालों के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने यह बात समाजसेवी गोपाल कृष्ण गांधी को इस साल का राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद कही। सोनिया ने गोपाल कृष्ण गांधी के अनुभव और कार्यों की तारीफ कर भविष्य में इस लड़ाई को और मजबूती से लड़ने पर विश्वास जताया।
राज्यपाल के तौर पर गोपाल कृष्ण ने कभी समझौता नहीं किया
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उन्होंने कहा कि एक सरकारी अधिकारी, कुशल प्रशासक और राज्यपाल के तौर पर गोपाल कृष्ण ने कभी समझौता नहीं किया। वह हमारे संविधान में स्थापित मूल्यों के चैंपियनों में से एक हैं। हाल के वर्षों में उन्होंने जो कुछ लिखा है, उसमें बहुत दर्द और पीड़ा है। हर सही सोच और चीजों का विश्लेषण तथा गहराई से संवेदनशील अभिव्यक्ति भी करते हैं। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि गोपाल कृष्ण गांधी को बतौर सरकारी अधिकारी और सामाजिक क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने भरोसा जताया कि वह लगातार देश और लोगों की मदद में नए कीर्तिमान बनाएंगे।
प्रशस्ति पत्र और 10 लाख की राशि दी जाती है
राजीव गांधी फाउंडेशन की ओर से हर साल 20 अगस्त को दिए जाने वाले इस पुरस्कार के तहत प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपये की राशि दी जाती है। दिल्ली के जवाहर भवन ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में सोनिया गांधी ने गोपाल कृष्ण गांधी को प्रशस्ति पत्र, फाउंडेशन के सलाहकार समिति के चेयरमैन डा. कर्ण सिंह ने 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह ने शाल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकें।