देश अभी कोरोना की पहली और दूसरी लहर से उभर नहीं पाया है कि अब तीसरी लहर को लेकर भी चेतावनी जारी हो गई है। गृह मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर में सबसे ज्यादा तबाही मचा सकती है। गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने पीएमओ को अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा कि देश को तीसरी लहर से सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर महीने में अपना अक्रामक रूप दिखा सकती है। इसको लेकर एनआईडीएम ने केंद्र को साफ तैर चेतावनी दी है।
बता दें कि एनआइडीएम ने जो रिपोर्ट दी है उसको लेकर कहा जा रहा है कि ये रिपोर्ट 40 रिटायर विशेषज्ञों ने रिसर्च के बाद तैयार की है। जिसमें चेतावनी दी गई है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर 15 जुलाई से 13 अक्टूबर के बीच आ सकती है। जब एनआईडीएम से पूछा गया कि तीसरी लहर का कारण कहीं डेल्टा-प्लस वैरिएंट बी.1.617.2 तो नहीं । इस पर एनआईडीएम ने कहा कि डेल्टा-प्लस वैरिएंट बी.1.617.2 की वजह से देश में दूसरी लहर आई थी। तीसरी लहर में चिंता का कारण नया वैरिएंट डेल्टा प्लस है। जिसने स्पाइक प्रोटीन उत्परिवर्तन ‘K417N’ बनाया है। बीटा वैरिएंट पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पााय गया था। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि अभई तक ये तय नहीं हुआ कि डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा से खतर नाक हो सकता है या नहीं। एनसीडीसी का कहना है कि अब तक 16 राज्यों में 2 58,240 नमूनों में से 70 केसों में डेल्टा वैरिंट पाया गया है।
वहीं बच्चों को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक इसका कोई सबूत नहीं मिला है कि तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि नया डेल्टा प्लस वैरिएंट युवाओं के मुकाबले बच्चों को प्रभावित करेगा। वहीं एनसीडीसी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि लैंसेट COVID-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स ने कहा है कि इसका को सबीत नहीं है कि तीसरी लहर में बच्चे इसका ज्यादा शिकार होंगे।