Uncategorized

कोरोना और लॉकडाउन की स्थिति को लेकर और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस, जाने क्या कहा लव अग्रवाल ने

लव अग्रवाल 1 कोरोना और लॉकडाउन की स्थिति को लेकर और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस, जाने क्या कहा लव अग्रवाल ने

कोरोना वायरस के प्रसार और लॉकडाउन की स्थिति को लेकर मंगलवार को गृह और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस हुई।

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के प्रसार और लॉकडाउन की स्थिति को लेकर मंगलवार को गृह और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस हुई। इस मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस से अब तक कुल 60,490 मरीज ठीक हो चुके हैं। रिकवरी दर में सुधार जारी है और वर्तमान में यह 41.61फीसद है। पहले लॉकडाउन में रिकवरी दर 7.1 फीसद थी, दूसरे में 11.42 फीसद, तीसरे लॉकडाउन में 26.59 फीसद थी और अब चौथे चरण में 41.61% है। भारत  में मृत्यु दर दुनिया के अन्‍य देशों से सबसे कम है, यह अब 2.87 फीसद है। यह 15 अप्रैल को 3.3 फीसद थी और अब घटकर 2.87 फीसद हो गई है। जबकि दुनिया की मृत्‍युदर 6.45 फीसद है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में टेस्‍ट बढ़ गए हैं। देश में प्रतिदिन 1.1 लाख नमूनों का टेस्‍ट किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि प्रयोगशालाओं, पारियों, आरटी-पीसीआर मशीनों और जनशक्ति की संख्या में वृद्धि करके क्षमता में वृद्धि हुई है। कोरोना टेस्‍ट के लिए आज तक भारत में 612 लैब काम कर रही हैं। इसमें 430  लैब आइसीएमआर द्वारा संचालित और 182 लैब निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं।

https://www.bharatkhabar.com/scientists-are-working-day-and-night-to-know-the-big-secrets-related-to-mars/

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक, दुनिया में प्रति लाख जनसंख्या पर 4.4 मौतें हुई हैं, जबकि भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर 0.3 मौतें हुई हैं, जो दुनिया में सबसे कम है। यह लॉकडाउन, समय पर पहचान और COVID19 के मामलों के प्रबंधन के कारण हुआ है। बलराम भार्गव ने कहा कि मृत्‍यु दर के संदर्भ में हमने आश्चर्यजनक रूप से भारत में कम पाया है, जो बहुत अच्छा है। इस पर कई परिकल्पनाएं हैं, लेकिन हम किसी भी कारक पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह सकते हैं। आशा है कि यह आगे भी जारी रहेगा।

उन्‍होंने आगे कहा कि  COVID19 के लिए बहुत सारी दवाओं का पुनर्भुगतान किया जा रहा है। इस दवा एचसीक्‍यू (HCQ) के जैविक व्यवहार्यता, इन-विट्रो डेटा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हमने इसे सख्त चिकित्सकीय देखरेख में लेने की सिफारिश की है। इस जोखिम का लाभ उठाने के आधार पर हमने पाया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उपयोग करने से संभवतः हमें अपने इनकार नहीं करना चाहिए।

Related posts

केसरी की कमाई से बॉक्स ऑफिस पर मचा धमाल

bharatkhabar

ताज कॉरीडोर घोटालाः आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

kumari ashu

रियो ओलम्पिक (जिम्नास्टिक) : दीपा ने रचा इतिहास, वॉल्ट के फाइनल में

bharatkhabar