जयपुर। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने 19 अप्रैल को जेल विभाग की मासिक समीक्षा बैठक ली। बैठक में जेलों की समस्याओं और आवश्यकताओं पर चर्चा की गई। इस दौरान गृहमंत्री ने बताया कि कारागृहों के लिए जल्द ही सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय जोधपुर के माध्यम से 925 जेल प्रहरियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
उन्होंने कहा की बंदियों को उचित वातावरण देने के उद्देश्य से प्रदेश की जेलों को सुधार गृह के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार ने शत-प्रतिशत जेलों में चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने कहा कि कार्मिक विभाग के स्तर पर जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के 48 प्रकरण वर्ष 2003 से लम्बित हैं, जिन्हे अब उच्च प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी, ताकि उनमें से सेवानिवृत हो चुके 22 कार्मिकों को भी पेंशन संबंधी पूर्ण लाभ मिल सके।
गृह मंत्री ने बताया कि राज्य स्तर पर बंदियों की क्षमता 20 हजार 210 है, जिसके विरुद्ध 18 हजार 963 बंदी राज्य की जेलों में निरुद्ध हैं, जबकि कुछ जेलों में जहां-जहां भी क्षमता से अधिक जनाधिक्य हैं, वहां पर नवनिर्मित 33 बैरकों में बंदियों को स्थानांतरित करने से समस्या का स्थाई समाधान लगभग पूण हो चुका है, जबकि राजसमंद में जनाधिक्य की समस्या का निराकरण नई जेल के निर्माण होने पर ही हो सकेगा। इस संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव (गृह) दीपक उप्रेती ने अवगत कराया कि प्रदेश की जेलों की जनाधिक्य की समस्या का हल लगभग निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि बंदियो को पेशी पर ले जाने के प्रतिशत में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
जेल महानिदेशक अजीत सिंह ने बताया की कोटा में एक हजार दण्डित और एक हजार विचाराधीन कैदियों के लिए कारागृहों का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से कराया जाना प्रक्रियाधीन है। बैठक में उप महानिरीक्षक, जेल जयनारायण शेर, संयुक्त शासन सचिव, जेल चेतन देवड़ा, उप शासन सचिव योगेश श्रीवास्तव सहित अन्य अनेक अधिकारी भी उपस्थित थे।