नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति बुधवार को ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लेगी। बीते मंगलवार से शुरू हुई इस बैठक में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी से लेकर कारोबारियों को सस्ते कर्ज का तोहफा मिलेगा। लेकिन इस बार भी अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती नहीं करता है, तो आम आदमी को सस्ते कर्ज के लिए फरवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है।
हालांकि फरवरी में भी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था की चाल देखकर ही फैसला लेगी। आज आरबीआई के सामने रेपो रेट में कटौती करने के फैसले को लेकर कई चुनौतियां भी हैं। मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब जीडीपी के आंकड़ों में सुधार देखने को मिला है। इससे अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार आया है। इस सुधार को देखते हुए आरबीआई पर ब्याज दरें कम करने का दबाव जरूर कम हुआ है। हालांकि जीडीपी आंकड़ों के अलावा बढ़ती महंगाई और कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों की चुनौती भी उसके सामने रहेगी।
वहीं थोक महंगाई दर और खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है। नवंबर में जारी किए गए अक्टूबर की थोक महंगाई दर के आंकड़ों को देखें तो यह बढ़कर 3.56 फीसदी के स्तर पर आ गई है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर भी 3.58 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई बढ़ने के लिए खाद्य उत्पादों की लगातार बढ़ रही कीमतें हैं। इस बैठक में आरबीआई के पास बढ़ती महंगाई एक बड़ी चुनौती रहेगी।