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RBI गवर्नर की संसदीय समिति के साथ बैठक, समिति ने 10 सवालों के मांगे जवाब

उर्जित पटेल 1 RBI गवर्नर की संसदीय समिति के साथ बैठक, समिति ने 10 सवालों के मांगे जवाब

केन्द्रीय रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार के बीच चल रहे विवाद में रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक के बाद विराम लगा है। वहीं मंगलवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों ने कई प्रश्न किए हैं। करीब ढेड़ घटे तक चले इस सवाल-जवाब के दौर में माना जा रहा है कि उर्जित पटेल ने केन्द्रीय बैंक और सरकार के बीच किसी विवादित मुद्दे को नहीं उठाया है। लेकिन अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अधिकतर सवालों के सधे जवाब उर्जित पटेल ने बड़े ही सधे अंदाज में दिए हैं। खबर के मुताबिक कई विवादित सवालों का जवाब 10 दिनों में लिखित सूप में देने को कहा है।

 

उर्जित पटेल 1 RBI गवर्नर की संसदीय समिति के साथ बैठक, समिति ने 10 सवालों के मांगे जवाब

इसे भी पढ़ेंःसरकार और आरबीआई के बीच तनाव, RBI गवर्नर उर्जित पटेल दे सकते हैं इस्तीफा

 

मिली जानारी के अनुसार संसद की 31 सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस ने इस मुलाकात में कई सवाल किए।लेकिन उर्जित पटेल ने उन्हीं सवालों का जवाब दिया जो सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था से जुड़े थे। गवर्नर ने ऐसे किसी सवाल का जवाब नहीं दिया जिससे केन्द्रीय बैंक और केन्द्र सरकार के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद हो।गौरतलब है कि संसदीय समिति के सदस्यों ने सबसे पहले नोटबंदी पर सवाल किया।

संसदीय समिति में मौजूद सांसदों ने नोटबंदी के असर को पूछा कहा वास्तव में अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का क्या असर पड़ा। उन्होंने कहा कि किस हद तक देश के ग्रामीण इलाकों में किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। पटेल ने इस सवाल का जवाब दिया कि नोटबंदी के फैसले का असर महज क्षणिक था और अब अर्थव्यवस्था इसके कुप्रभाव से उबर चुकी है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर सवाल

स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस ने दूसरा मह्त्वपूर्ण सवाल वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर किया। समिति कहा कि आखिर वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालिया स्थिति कैसी है,उस स्थिति में भारत के लिए क्या संकेत है? इसका जवाब में पटेल ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कच्चे तेल की कीमतों और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी ट्रेड वॉर के दबाव में है। इसलिए मौजूदा वैश्विक स्थिति में भारत के लिए बेहद जरूरी है कि कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर बनीं रहे जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचता रहे।

आपको बता दें कि इस मीटिंग में संसदीय समिति के सदस्यों ने अगले महत्वपूर्ण प्रश्न आरबीआई की स्वायत्तता, केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 के प्रयोग और आरबीआई के रिजर्व खजाने से सरकार को पैसे दिए जाने पर केन्द्रित रहे।उर्जित पटेल ने उक्त तीन सवालों के जवाब संसदीय समिति से मिले 10 दिन के समय में लिखित में देने को कहा है।

केन्द्र सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच संवाद कमजोर क्यों-समिति

संसदीय समिति ने आरबीआई के गवर्नर की बैठक में कुछ सदस्यों के सवाल सीधे तौर पर केन्द्र सरकार और केन्द्रीय बैंक के बीच के विवाद पर किए।समिति ने जानना चाहा कि क्यों केन्द्र सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच संवाद कमजोर पड़ा है। पटेल ने इस सवाल के जवाब में कोई जवाब नहीं दिया है।इस पर उन्होंने लिखित तौर पर अपना पक्ष रखने की बात कही।सदस्यों ने उर्जित पटेल से बैंकों के बेसल थ्री कैपिटल एडिक्वेसी पर प्रश्न किया। इस पर पटेल ने कहा कि भारत इस वैश्विक संधि को पूर्णतः लागू करने का पक्षधर है। पटेल ने इस पर संसदीय समिति से विस्तृत जवाब देने के लिए 10 से 15 दिन का समय मांगा है।

इसे भी लंबे वक्त के बाद केंद्रीय रिजर्व बैंक ने की रेपो रेट में कटौती

संसदीय समित और आरबीआई गवर्नर की बैठक के दौरान सदस्यों ने एक अहम सवाल बैंकों के एनपीए की मौजूदा स्थिति पर किया। समिति के कुछ सदस्यों ने यह भी जानना चाहा कि क्या केन्द्रीय बैंक कुछ बड़े कर्जदारों का नाम साझा करने के लिए तैयार है। खबर के मुताबिक इस सवाल के जवाब पटेल ने कहा कि वह कर्जदारों की सूचि साझा करने के लिए तैयार है। हालांकि पटेल ने कहा कि अभी एनपीए की मौजूदा स्थिति ऐसाी नहीं है कि कोई खतर हो।

महेश कुमार यादव

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