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आरबीआई  ने दी ग्राहकों को राहत, किस्तें चुकाने के लिए 3 महीने की छूट , रेपो रेट में भी कटौती

शक्तिकांत दास आरबीआई  ने दी ग्राहकों को राहत, किस्तें चुकाने के लिए 3 महीने की छूट , रेपो रेट में भी कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को राहत दी है। लोन की किस्तें चुकाने के लिए 3 महीने की अतिरिक्त छूट दी गई।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को राहत दी है। लोन की किस्तें चुकाने के लिए 3 महीने की अतिरिक्त छूट दी गई। लोन अब डिफाल्ट या एनपीए कैटेगरी में नहीं माना जाएगा और इसके लिए बैंक दबाव नहीं डालेंगे। इसके लिए बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके चलते रेपो रेट में भी 0.40 बेसिस अंकों की कटौती की गई। रेपो रेट 4.4 प्रतिशत से घटकर 4 कर दिया गया। भारत की जीडीपी ग्रोथ 2020-21 में निगेटिव रहेगी। आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।

बता दें कि RBI गवर्नर ने कहा कि कोरोनो वायरस के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि एमपीसी (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) पॉलिसी रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती पर सहमत हुई है। इससे लोगों पर लोन की ईएमआई का बोझ कम होगा। लॉकडाउन के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में दूसरी बार कटौती की है। इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था। इसके बाद बैंकों ने लोन पर ब्‍याज दर कम कर दिया था। रेपो रेट में कटौती से साफ है कि आपके लोन का किश्त भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी।

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EMI भुगतान में 3 महीने की मोहलत और

आरबीआई ने लोन की किस्‍त (EMI) के भुगतान पर 3 महीने की अतिरिक्‍त छूट दे दी है। मतलब कि अगर आप अगले 3 महीने तक अपने लोन की EMI नहीं देते हैं तो बैंक आप पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालेगा। पहले यह छूट मार्च से मई तक दी गई थी। अब EMI भुगतान में छूट को अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

आरबीआई ने पूरा किया वादा

शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मार्च में आरबीआई ने कर्ज लेने वाले लोगों, कर्जदाताओं और अन्‍य इकाइयों जैसे म्‍युचुअल फंड्स के लिए कई सकारात्मक कदमों की घोषणाएं की थीं। इसके साथ ही वादा भी किया था कि आने वाली परिस्थितियों को देखते हुए रिजर्व बैंक और जरूरी कदम उठाएगा।

कोविड 19 के कारण निजी खपत को नुकसान

उन्होंने बताया कि मैन्युफक्चरिंग पीएमआई अप्रैल महीने में 27.4 फीसद रही है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोविड-19 से निजी खपत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में एग्रीकल्चर से उम्मीदें हैं. फॉरेन रिजर्व 487 बिलियन डॉलर है।

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