देहरादून। प्रदेश में चुनावी रंग के साथ सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी हर तरह से अपने खेमे में हर वर्ग को जोड़ने के फिराक में लगी हुई है। सूबे के किसानों को सरकार ने अब अपने खेमे में लाने के लिए एक नया प्रोग्राम तैयार किया है। जिसके तहत को एक आयोग का गठन करने जा रही है। इसकी मंजूरी भी कैबिनेट की बैठक में ली जा चुकी है। इस बावत सरकार ने अपनी सभी तैयारियां कर ली हैं।
सूबे में कृषि उत्पादन को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में लोगों को रोजगार के अवसरों के प्रति आकर्षिक कर पलायन रोकने के उद्देश्य से रावत सरकार ने सूबे के किसानों को आकर्षिक करने के लिए उत्तराखंड किसान आयोग के गठन का निर्णय लिया है। जिसके तहत वह किसानों की समस्याओं का निदान समय पर बेहतर ढंग से करा सकेगी। साथ ही सरकार कृषि माध्यम से लोगों को राजगार की दिशा में आगे बढ़ा सकेगी।
गैरसैंण में सरकार के आगामी बजट सत्र के दौरान किसान आयोग का प्रस्ताव सदन के पटल पर पेश किया जाना है जिसको लेकर सरकार ने कैबिनेट की बैठक में सभी सहयोगियों से चर्चा के जरिए इस पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही सरकार के इस फैसले को किसानो के हित के साथ आने वाले चुनावों में किसानों को सरकार का अपने खेमे में लाने लिए एक बड़ी कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है। फिलहाल रावत सरकार इस फैसले के जरिए सूबे के किसानों को साधने के साथ ही कृषि से आय बढ़ाने को लेकर भी संजीदा दिख रही है।