नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि आईटी उद्योग अगले चार सालों में भारत को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में सरकार की मदद करे।
‘डिजिटल इंडिया’ भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को डिजिटल वित्तीय सेवाओं और ई-कॉमर्स पर ध्यान केंद्रित करके आईटी और आईटीईएस क्षेत्र के उद्योग जगत के नेताओं के साथ उच्चस्तरीय परामर्श का आयोजन किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अगले 7 सालों में भारत आसानी से 1 हजार अरब डॉलर की डिजिटल इकनॉमी बनने के लिए तैयार है। हालांकि चुनौती यह है कि इस लक्ष्य तक 3-4 वर्षों में पहुंचा जाये। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि सरकार के साथ हाथ मिलाकर काम करे।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में चल रही डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार है और इस मिशन में उद्योगों की भागीदारी और समर्थन की वह सराहना करते हैं। इस तरह की चर्चा के माध्यम से, हमारा उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी और योगदान तलाशना है क्योंकि हम भारत को एक वास्तविक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
प्रसाद ने कहा कि भारतीय आईटी क्षेत्र राजस्व में 10 लाख करोड़ को पार कर गया है और निर्यात भी 7.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। देश को डिजिटल विकास के लिए अपना मॉडल बनाने की जरूरत है जो समावेशी हो। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित कीजिए जो सस्ती हो| ऐसा बुनियादी ढांचा विकसित कीजिए जो विकासोन्मुखी हो और ऐसा माहौल बनाइए जो समावेशी हो।
रविशंकर प्रसाद ने यह भी घोषणा की कि सरकार नई इलेक्ट्रॉनिक और सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति और डेटा सुरक्षा और सुरक्षा नीति के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में एक जीएसटी सेल स्थापित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आईटी क्षेत्र में नौकरी को कोई खतरा नहीं है। सरकार और साथ ही उद्योग आईटी सेक्टर के बारे में उत्साहित हैं, क्योंकि पिछले 3 वर्षों में 6 लाख से ज्यादा आईटी नौकरियां पैदा हुई हैं।