फतेहपुर। सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जब से सत्ता में आए है तब से उनका सख्त रैवया देखने को मिल रहा है, उन्होंने प्रशासन और अधिकारियों को आदेश दिया हुआ है कि सभी अपना दायित्व ईमानदारी से निभाएं और किसी तरह की कोई खामिया न मिले अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाई होगी मगर लगता हैं इस जनपद के अपने आका का फरमान याद नहीं या फिर उनके ऊपर इसका कोई असर नहीं। जी हां में आप को बता दें कि जनपद फतेहपुर में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में गरीब को बांटने वाला अनाज उनको न बांट कर कोटेदार खुली मंडी में ऊंचे दामो में सरकारी अनाज बेच रहे हैं। इसके बाद भी सम्बंधित विभागी अधिकारी संजीदा नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के खागा कसबे के विजय नगर में स्थिति सरकारी गल्ले की दुकान जिसके संचालक देवनारायण उर्फ मौसिया का यह मामला तब उजागर हुआ जब एक ट्रैक्टर खागा मंडी की तरफ सरकारी अनाज लेकर जा रहा था। मीडिया के संज्ञान में मामला जैसे आया मौके पर पहुंच कर ट्रैक्टर संचालक से पूछताछ शुरू कर दी। ट्रैक्टर ड्राइवर ने बताया की यह आनाज मौसिया का हैं, और हम इसको मंडी लेकर जा रहे हैं। मीडिया ने मंडी तक इसका पीछा किया मंडी में पूरा गल्ला यह ड्राइवर गाडी लेकर चला चला गया। जब इस बारे में कोटेदार से बात करनी चाही तो उसने फोन पर जानकारी दी की हम बाहर हैं। इस मामले को लेकर जब जिला पूर्ति अधिकारी से बात करनी चाही तो वह ऑफिस से नदारत रहे और उनका मोबाइल भी बंद था। यही नहीं जब मीडिया ने पूरे ऑफिस का जायजा लिया तो मीडिया को देख लोग करीब आ गए और कैमरे के सामने अपना दुखड़ा रोते मिले लोग सुबह से शाम तक ऑफिस में बैठे रहे घण्टो इन्तजार के बाद भी अधिकारी नहीं आये।
पूरे मामले पर नजर डाली जाए तो आखिर इतने बड़े पैमाने पर कोटेदार गरीबों के हक का अनाज बाजारों में बेच रहे हैं और गरीब सिर्फ सरकारी सस्ते गल्ले की दूकांन के चक्कर काट काट कर थक कर चूर अपने घर बेथ जाता हैं। हालातो से समझौता कर के मगर इन गरीबों के निवालो पर डाका डालने वाले कोटेदार के खिलाफ ना तो किसी अधिकारी की नजर पड़ी न ही किसी कार्यवाही की गयी इनके हौसले उसी तरह बुलंद हैं। इन गरीबो का हक मिलेगा या नहीं क्या योगी सरकार की नजर इन गरीबो पर पड़ेगी या नहीं यह तो आने वाला बताएगा।
-मुमताज़ अहमद