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राफेल डील में जांच होगी या नहीं, SC ने मामले पर सुरक्षित रखा फैसला

राफेल डील में जांच होगी या नहीं, SC ने मामले पर सुरक्षित रखा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई की। इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण का विरोध किया।

 

राफेल डील में जांच होगी या नहीं, SC ने  मामले पर सुरक्षित रखा फैसला
राफेल डील में जांच होगी या नहीं, SC ने मामले पर सुरक्षित रखा फैसला

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राफेल खरीद की गोपनीयता के बारे में सूचना पेश करना चाहते थे। भूषण ने जब गोपनीयता के प्रावधान का मुद्दा उठाया तो वेणुगोपाल ने कहा कि गोपनीय समझौता गोपनीय ही रखना होगा। अब वह न्यायालय में इसे पेश कर रहे हैं। भूषण अपनी और भाजपा के दो नेताओं पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी की ओर से पेश हुये थे। आरोप लगाया कि सरकार गोपनीयता के प्रावधान की आड़ लेकर राफेल विमानों की कीमतों का खुलासा नहीं कर रही है।सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा दिए गए तर्क निचे दिए गए है।

राफेल केस में सुनवाई के दौरान की बातें

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा, राफेल 60 किलोमीटर की दूरी से सटीक मार करने में सक्षम है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि फ्रांस सरकार की ओर से हमारे पास लेटर ऑफ कंफर्ट है, सार्वभौम गारंटी नहीं है।वहीं एयरफोर्स के अधिकारी ने कहा कि हमें पांचवीं पीढ़ी के एयरक्राफ्ट चाहिए।

लंचब्रेक के बाद शुरू हुई सुनवाही-

एयरफोर्स के अधिकारी ने सु्प्रीम कोर्ट को बताया कि 1985 में मिराज के बाद से वायु सेना ने कोई एयरक्राफ़्ट बेड़े में नहीं जोड़ा गया। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह मामला एक्सपर्ट का है कोर्ट को इसे डील नहीं करना चाहिए।सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, कीमत का खुलासा करने से दुश्मन को विमान की खासियत पता लग सकती है। इसलिए कीमत का खुलासा नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में वायुसेना अधिकारी की जरूरत पर कोर्ट करेगा विचार

कोर्ट ने कहा,वायुसेना का अधिकारी कोर्ट में होना चाहिए और हम उनकी रिक्वायरमेंट के बारे में विचार कर रहे हैं। रक्षा सचिव मौजूद होने पर कोर्ट ने कहा कि हमें मंत्रालय का अधिकारी नहीं चाहिए, अधिकारी को बुलाया गया है। शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि हमें इस मामले में विमानों कि कीमत से आगे जाना चाहिए क्योंकि यह देश की सुरक्षा के साथ समझौता है क्योंकि एयरक्राफ्ट की संख्या घटा दी गई है।

महेश कुमार यादव

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