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रमजान के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट

02 48 रमजान के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट

नई दिल्ली। सीमा पार से जारी फायरिंग और आतंकी हमलों के बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि रमजान के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट होगी। वहीं, केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को चाकचौबंद बनाने में जुट गई है। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

 

02 48 रमजान के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट

 

बता दें कि सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों के प्रमुख के साथ-साथ एनएसए, गृह सचिव, आइबी निदेशक और कश्मीर विभाग से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि बैठक में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाने के फैसले पर कोई चर्चा नहीं हुई। लेकिन गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार इसे आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है। ऑपरेशन रोके जाने से हिंसक झड़पों और पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी जरूर आई। लेकिन आतंकी हमले कम होने के बजाय ज्यादा बढ़ गए। जाहिर है अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा बलों को ईद के बाद आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की छूट होगी।

वहीं सूत्रों के अनुसार बैठक में राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि अमरनाथ यात्रा को भी हर हालत में पूरी तरह से चाकचौबंद बनाना है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया कराने की मांग को स्वीकार लेना चाहिए। एनएसए और आइबी के निदेशक भी इससे सहमत थे। इसके बाद केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल के प्रमुखों को अमरनाथ यात्रा के लिए अतिरिक्त बटालियन का बंदोबस्त करने को कहा गया।

साथ ही आइबी निदेशक राजीव जैन ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले की अभी तक कोई खुफिया रिपोर्ट नहीं है। लेकिन राजनाथ सिंह का कहना था कि इसके लिए खुफिया रिपोर्ट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। बैठक के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा बलों की तैनाती, आपात स्थिति के लिए बंकरों के निर्माण और घनी आबादी वाले इलाके से दूर खुले में नए यात्रा रूट खोलने के प्रस्ताव पर भी विस्तार से विचार किया गया। संबंधित अधिकारियों को राज्य सरकार के साथ संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया।

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