हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव पर आ रहे टीवी सीरियल के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे बाबा ने अपने जीवन के पहलूओं को उजागर किया। स्वामी रामदेव ने कहा कि उनका बचपन संघर्षों और मुश्किलों में बीता था और उन्होंने सात बार मौत को सामने से देखा है। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन की सारे पहलूओं को इस सीरीयल में बारिकी से दिखाया गया है। आपको बता दें कि बाबा रामदेव पर आधारित टीवी सीरियल संघर्ष कथा जल्द शुरू होने वाला है, जिसमें स्वामी राम देव के बचपन से लेकर योग गुरू और पतंजली के उद्घाटन के बारे में बताया गया है।
इसी सीरीयल की प्रेस वार्ता के दौरान बाबा ने बताया कि गांव में उनके रिश्ते के लोग उनकी मां के साथ क्रूरता करते थे। इसके बाद जब मैंने थोड़ा होश संभाला तो मैं गांव से हरिद्वार आ गया। उन्होंने बताया कि हरिद्वार पहुंचने पर मेरे साथ छल हुआ कि एक बार 50 से ज्यादा लोगों ने मुझे घेर लिया था। उन लोगों ने मेरी मौत का पूरा इंतजाम कर लिया था, लेकिन मैं बच गया। इसके अलावा एक और घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार गलती से ऐल्मूनियम पात्र में उबला दूध पी लिया था। इस वजह से उनके शरीर में आर्सेनिक का जहर फैल गया। सैकड़ों उल्टियां हुईं। अपने जीवन के बारे में बात करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि मैंने हर विरोध और तिरस्कार को अपनी ताकत बनाया।
मेरे सफर में मेरे गुरु आचार्य वार्ष्णेय हमेशा साथ रहे।’ रामदेव ने कहा कि वह अनपढ़ माता-पिता के बेटे हैं और पैदल चलकर सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते थे। रामदेव ने राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि राजनीति मेरे लिए राष्ट्रधर्म है लेकिन मैं कभी भी कोई राजनीतिक ओहदा नहीं लूंगा, ये मेरी भीष्म प्रतिज्ञा है। मेरा देश सुरक्षित रहे, यह मैं अवश्य चाहूंगा। कुछ हासिल करने का मेरा कोई मकसद नहीं है। उन्होंने कहा कि जीते जी अपनी कहाानियों को दिखाना एक और संघर्ष को बुलावा देना है लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं एक ठेठ देसी और शुद्ध संन्यासी हूं। मैंने हमेशा धारा के विरुद्ध अपनी जीवन यात्रा को आगे बढ़ाया है।