लखनऊ। योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद सूबे के गलियारों में एक बार फिर से राम मंदिर का मुद्दा गूंजने लगा है। योगी के सीएम बनने के बाद सबको उम्मीद है कि अयोध्य़ा में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही होगा। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले पर टिप्पणी दी है। कोर्ट ने कहा है कि दोनों पक्ष मिलकर ही इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं और इसे सुलझा सकते हैं।
धर्म और आस्था से जुड़ा मामला
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का मामला विशेष धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है इस पर फैसला सुनना से लोगों की भावनाएं आहात होंगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस मामले को सुलझाने के लिए अगर कोर्ट की मध्यस्ता की आवश्कता होगी तो कोर्ट वो करने के लिए तैयार है।
आगे बोलते हुए कोर्ट ने कहा कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सुलह के लिए अब तक जो कुछ भी हुआ है उसे भूलकर एक बार फिर से कोशिश करें। गौरतलब है कि राम जन्म भूमि का मामला लंबे समय से कोर्ट में पेंडिग चल रहा है। हिन्दु धर्म के लोगों का कहना है कि ये राम की जन्मभूमि है इसलिए यहां पर मंदिर बनना चाहिए, वहीं मु्स्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि यहां पर बाबरी मस्जिद का निर्माण होना चाहिए।
गौरतलब है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाय़र की थी जिस पर आज सुनवाई हो रही थी। कोर्ट ने विवाद को परिसर के बाहर सुलझाने की कोशिश करने पर टिप्पणी की है। अब इस मामले में 31 मार्च को अगली सुनवाई होगी।