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भारतीय त्योहारों का सबसे पवित्र पर्व है रक्षाबंधन, जानें आखिर क्या है इसका मर्म?

rakshabandhan raksha parv भारतीय त्योहारों का सबसे पवित्र पर्व है रक्षाबंधन, जानें आखिर क्या है इसका मर्म?
  • धर्म डेस्क, भारत खबर

मेरठ। त्योहारों की दृष्टि से भी भारत का सम्मान पूरे विश्व में अलग है और यहां के त्योहारों को ध्यान में रखते हुए इतिहास से लेकर वर्तमान तक बेहद खास है। तमाम त्योहारों में से एक है रक्षाबंधन जो पूरे भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है और इसके पीछे की सच्चाई को जानकर आप बेहद रोमांचित हो उठेंगे।

हमारे यहां रिश्तों का एक बेहद प्रगाध बंधन है भाई-बहन का प्यार, इन्हीं दोंनों के बीच बंधे बंधन को रक्षा बंधन के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो हम सभी यह जानते हैं कि यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। सावन को भगवान शिव की पूजा का माह मानते हुए धार्मिक रुप से बहुत महत्व दिया जाता है। बताते चलें कि रक्षाबंधन भोले बाबा के पवित्र सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इसलिये इसका महत्व बहुत अधिक हो जाता है।

आखिर क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन पर्व

इसके मनाने के पीछे की मंशा बेहद पवित्र और उर्जादायक है, लोग कहते हैं कि पौराणिक काल से इस त्यौहार को मनाने की यह परंपरा निरंतरता में चलती आ रही है। चूंकि देवराज इंद्र ने रक्षासूत्र के दम पर ही असुरों को पराजित किया, चूंकि रक्षासूत्र के कारण ही माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को राजा बलि के बंधन से मुक्त करवाया, महाभारत काल की भी कुछ कहानियों का उल्लेख रक्षाबंधन पर किया जाता है अत: इसका त्यौहार को हिंदू धर्म की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

पुरानी पद्धति के अनुसार विद्या अध्ययन की शुरुआत का दिन

कहते हैं कि सावन महीने की पूर्णिमा के दिन ही प्राचीन समय में ऋषि-मुनि अपने शिष्यों का उपाकर्म कराकर उन्हें विद्या-अध्ययन कराना प्रारंभ करते थे। उपाकर्म के दौरान पंचगव्य का पान करवाया जाता है तथा हवन किया जाता है इसी उपाकर्म संस्कार के बाद जब जातक घर लौटते हैं तो बहनें उनका स्वागत करती हैं और उनके दाएं हाथ पर राखी बांधती हैं। इसलिये भी इसका धार्मिक महत्व माना जाता है। इसके अलावा इस दिन सूर्य देव को जल चढाकर सूर्य की स्तुति एवं अरुंधती सहित सप्त ऋषियों की पूजा भी की जाती है इसमें दही-सत्तू की आहुतियां दी जाती हैं। इस पूरी क्रिया को उत्सर्ज कहा जाता है।

एक साल के अंतराल में आता है पर्व इसलिए तैयारियां होती हैं जोरों पर

रक्षाबंधन का पर्व साल में एक बार आता है इसलिए बहनें इस खास दिन को बअेहद अलग अंदाज में मनाने की तैयारी जोर-शोर से करतीं हैं। बहनों में इस दिन गजब का उल्लास देखने को मिलता है। अपने भाई के हाथ पर राखी बांधे बिना अन्न का निवाला तक ग्रहण नहीं करती।

सुबह से होती है खास ऊर्जा

रक्षाबंधन के दिन बहनों में खास ऊर्जा देखने को मिलती है और वो प्रात:काल में ही साफ सफाई कर घर में सजावट करती हैं। स्नान-ध्यान कर अगरबत्ती व धूप जलाती हैं एवं स्वादिष्ट व्यंजंन बनाती हैं। फिर फल, फूल, मिठाई, रोली, चावल और राखी एक थाल में रखकर उसे सजाती हैं। इसके बाद शुभ मुहूर्त के समय अपने भाई की लंबी उम्र और मुसीबतों से भाई की रक्षा की कामना करते हुए दायें हाथ पर राखी बांधती हैं और उपहार स्वरूप भाई उन्हें कुछ सामान देते हैं।

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