featured देश राज्य

शिमला पहुंचे राकेश टिकैत, कहा- शिमला को दिल्ली बनते देर नहीं लगेगी

11 शिमला पहुंचे राकेश टिकैत, कहा- शिमला को दिल्ली बनते देर नहीं लगेगी

हिमाचल में सेब की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट के बाद प्रदेश के किसानों बागबानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत हिमाचल के दौरे पर है। बागबानों के समर्थन से पूरे देश मे बड़ा आंदोलन की हुंकार टिकैत ने शिमला से भर दी है। सरकार अगर किसानों बागबानों के हितों में फैसले नही लेती है तो शिमला को दिल्ली बनते हुए देर नही लगेगी। यह बात राष्ट्रीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

बता दें कि दिल्ली में किसान आंदोलन 9 महीने से चल रहा है। 10 साल पहले हिमाचल से ही पूंजीपतियों ने कब्ज़ा जमाना शुरू किया था। पहले यहां आढ़ती आता था। बागवानों को अच्छे दाम मिलते थे। लेकिन जबसे अडानी आया कीमतें कम हुई। 2 महीने कीमतें कम करके 10 महीने में ज्यादा कीमतों पर बेचते है। 3 कृषि काले क़ानून किसान बागवान के हित में नही है। किसान नेता राजेश टिकैत ने शिमला में पत्रकार वार्ता में हिमाचल के किसानों को एकजुट होने की अपील की। जिस दिन युवा किसान जागेगा तब सरकार जागेगी और किसान का भला होगा।

768 512 11279013 thumbnail 3x2 cs शिमला पहुंचे राकेश टिकैत, कहा- शिमला को दिल्ली बनते देर नहीं लगेगी

राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नही है। वहीं अब हिमाचल के सेब में आई गिरावट अडानी के द्वारा प्रदेश में बनाये कोल्ड स्टोर है। अभी बागबानों से सस्ते सेब खरीद कर स्टोर करके दोगुने रेट पर बेचे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेब बागवानों को बेमोशमी बारिश से भी नुकसान हुआ है। इसलिए वह यहां के किसानों दर्द जानने आये है। टिकैत ने कहा कि उधोगपति किसानों की जमीनें हड़पना चाहते है। इसलिए यह साजिश रची जा रही है।

pic 1630131799 शिमला पहुंचे राकेश टिकैत, कहा- शिमला को दिल्ली बनते देर नहीं लगेगी

प्रदेश के किसान इस आंदोलन से जुड़े हुए है। इनके हित्तों की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक तीन काले कानून वापिस नही लिए जाते हैं। उनका आंदोलन जारी रहेगा। सेब के दामों में गिरावट कांट्रेक्ट फार्मिंग का ही उदाहरण है। अडानी ने किसानों से सस्ते दामों पर सेब खरीदा ओर फिर महंगे दामों में मार्केट में उतारा। इन कानूनों से विदेश में भी किसान बर्बाद हो गए हैं। वह किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। टिकैत ने कहा कि सरकार को एमएसपी कानून और तीन काले कृषि कानूनों को वापिस नही लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

Related posts

4 साल बाद जेडीयू बनी एनडीए गठबंधन का हिस्सा, कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव हुआ पास

piyush shukla

सीएम रावत ने रविवार 22 जुलाई को रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान का शुभारम्भ किया

Rani Naqvi

राजनारायण बुधौलिया का दिल का दौरा पड़ने से निधन, बीजेपी ने जताया गहरा दुख

Kalpana Chauhan