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राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दी देश वासियो को विश्वकर्मा पूजा की बधाई

rajyavardhan singh राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दी देश वासियो को विश्वकर्मा पूजा की बधाई

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की ओर से आज विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर देश की जनता को बधाई दी। राठौड़ ने देश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि सृष्टि के प्रथम और सर्वश्रेष्ठ शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा आपके जीवन में नई ऊर्जा और खुशियों का संचार करते रहें। आप सभी को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएंहिंदू मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के अवसर शिल्प के देवता की पूजा आराधना की जाती है। मोदी ने ट्विटर पर अपने संदेश में मोदी ने ‘ शिल्प एवं कला के देवता’ को नमन किया और कहा कि श्रद्धालुओं को हमेशा भगवान विश्वकर्मा से नवाचार के लिए नई प्रेरणा लेनी चाहिए। मोदी का सोमवार को जन्मदिन भी है। इस मौके पर वह अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे।

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दी देश वासियो को विश्वकर्मा पूजा की बधाई
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दी देश वासियो को विश्वकर्मा पूजा की बधाई

कहते हैं कि भारत त्‍योहारों का देश है और शायद ये सच भी हैं क्योकि भारत में हर दिन किसी ना किसी भगवना को समर्पित होता है। आज पूरा देश इन्‍हीं में से एक त्‍योहार विश्‍वकर्मा पूजा मना रहा है। विश्‍वकर्मा पूजा हर साल  17 सितंबर को मनाई जाती है। कहते हैं कि  इसी दिन निर्माण के देवता विश्‍वकर्मा का जन्‍म हुआ था विश्‍वकर्मा को देवशिल्‍पी यानी कि देवताओं के वास्‍तुकार के रूप में पूजा जाता है।

मान्‍यता है कि उन्‍होंने देवताओं के लिए महलों, हथियारों और भवनों का निर्माण किया था। विश्‍वकर्मा पूजा के मौके पर ज्‍यादातर दफ्तरों में छुट्टी होती है और कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान औजारों, मशीनों और दुकानों की पूजा करने का विधान है। आइए जानते हैं कि क्यो मनाई जाती है विश्‍वकर्मा पूजा। और क्या है इसका महत्व-

विश्‍वकर्मा पूजा का महत्‍व

भगवान विश्‍वकर्मा के जन्‍मदिन को विश्‍वकर्मा पूजा, विश्‍वकर्मा दिवस या विश्‍वकर्मा जयंती के नाम से जाना जाता है। इस पर्व का हिन्‍दू धर्म में विशेष महत्‍व है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विश्‍वकर्मा ने सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवें धर्मपुत्र के रूप में जन्‍म लिया था। भगवान विश्‍वकर्मा को ‘देवताओं का शिल्‍पकार’, ‘वास्‍तुशास्‍त्र का देवता’, ‘प्रथम इंजीनियर’, ‘देवताओं का इंजीनियर’ और ‘मशीन का देवता’ कहा जाता है।

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