एजेंसी, नई दिल्ली। राज्यसभा की उच्च सदन में शून्यकाल में सदस्यों ने एक नया मुद्दा उठाया जिसमें बिहार में दिमागी बुखार से करीब 130 बच्चों की मौत पर पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू सहित अन्य सदस्यों ने इस घटना पर शोक जताते हुए अपने स्थानों पर कुछ क्षणों का मौन रखकर दिवंगत बच्चों को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने कहा कि बिहार में बच्चों की मौत के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और यह विषय शून्यकाल में उठाने की अनुमति दी।
यह घटना नहीं बच्चों की हत्या है: विनय विश्वम
बताते चलें भाकपा के विनय विश्वम का कहना है कि सरकार इसे दुर्घटना बता रही है लेकिन इसे गरीब बच्चों की ‘हत्या’कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर 130 बच्चों की मौत हो चुकी है और अस्पतालों में न तो कोई दवाई है और न ही इस रोग के इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और हर साल देश में करीब 24 लाख बच्चों की कुपोषण के कारण मौत हो जाती है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए और प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करे।