नई दिल्ली। राज्यसभा बुधवार को बार-बार बाधित किए जाने के बाद अपरान्ह करीब 3 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य सभापति के आसन के सामने आ गए और नारे लगाने लगे। कांग्रेसी सदस्य गोवा व मणिपुर के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उप्र सभापति पी. जे. कुरियन ने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले दिन में राज्यसभा कई बार स्थगित हुई।
कांग्रेस ने गोवा व मणिपुर में जनादेश का सम्मान नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में हंगामा किया। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने इन राज्यों में लोकतंत्र की हत्या की है। सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने गोवा व मणिपुर में भाजपा पर जनादेश के उल्लंघन का आरोप लगाया। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित करनी पड़ी थी। आनंद शर्मा ने कहा, कांग्रेस इन दोनों राज्यों में अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए था। शर्मा ने भाजपा पर विधायकों की चोरी करने का आरोप लगाया। संसदीय मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस सदस्य सभापति के आसन के पास पहुंच गए और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
उप्र सभापति पी.जे. कुरियन नारेबाजी कर रहे सदस्यों को अपनी सीटों पर जाने के लिए आग्रह करते रहे, लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जिसके बाद सदन को पूर्वाह्न् 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसी तरह का दृश्य प्रश्नकाल के समय दोपहर 12 बजे देखा गया। इस बार सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मामले को उठाया और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, यह भारतीय लोकतंत्र का सवाल है। सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने उनसे मुद्दे को भोजनावकाश के बाद उठाने का आग्रह किया और प्रश्नकाल जारी रहने देने के लिए कहा। किसी ने उनके आग्रह पर ध्यान नहीं दिया और उन्होंने सदन को 15 मिनट के लिए 12.19 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दो बार स्थगन के बाद राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन के सामने इकट्ठा होकर नारे लगाने पर सदन को फिर अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में भोजनावकाश के बाद सदस्यों के आने पर फिर से वही दृश्य देखने को मिला।