राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने वसुंधरा सरकार कि कई योजनाओं बदला है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने सभी लेटरपैड से दीनदयाल उपाध्याय का लोगो हटा दिया है। हालांकि इससे पहले भी वसुधरा सरकार ने पिछली सरकार की योजनाओं को बदला था। गहलोत की कैबिनेट में 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी का संकेत मिला है।
आपको बता दें कि राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में वृद्धावस्था पेंशन योजना को 500 से बढ़ाकर 750 और 750 की कैटेगरी को बढ़ाकर 1000 किया है। राज्य में ठेके पर काम करने वाले संविदा कर्मियों, एनआरएचएम, पारा शिक्षक, उर्दू पारा शिक्षक ,लोक जुंबिश कर्मियों, आंगनबाड़ी, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों का आंदोलन राजस्थान में काफी दिनों से चल रहा था। उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। इसी तरह की कई योजनाओं को लागू किया है।
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किसान ऋणमाफी
कैबिनेट की बैठक में किसान ऋणमाफी के लिए भी कमेटी तैयार कर पात्रता और शर्तें निर्धारित करने का पैसला लिया गया है। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल में अल्पकालीन फसली ऋण माफी की जो घोषणा की गई है उसके लिए यह फैसला किया गया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। यह कमेटी सहकारिता क्षेत्र के बैंक राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और भूमि विकास बैंक की ऋण माफी के लिए पात्रता और मापदंड तय करेंगे।
जन सुनवाई की सुविधा
सूबे में रोजाना सभी मंत्री सुबह 9 बजे से लेकर 10 बजे तक एक घंटा अपने घरों पर जनसुनवाई करेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले वसुंधरा सरकार के समय जनसुनवाई बीजेपी कार्यालय में होती थी। जहां पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई होती थी। राज्य सरकार ने सभी लेटरपैड से दीनदयाल उपाध्याय का लोगो हटा दिया है।
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दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह मनाने को लेकर वसुंधरा सरकार ने आदेश दिया था कि सभी तरह के पत्र व्यवहार और जमीनों के पट्टों में दीनदयाल उपाध्याय का लोगो होगा। कांग्रेस सरकार ने ऐलान किया है कि पहले की तरह अशोक स्तंभ अब किनारे में नहीं बल्कि बीच में होगा।