नई दिल्ली। बीते कई दिनों से किसान कृषि कानून के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक किसानों को चोट पहुंचाने वाले इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तब तक सभी किसान यहीं धरना प्रदर्शन करेंगे। किसानों के धरना-प्रदर्शन से भारतीय राजनीति में भी उबाल आ गया है। विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह सरकार किसान विरोधी है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ किसानों का भी यहीं कहना है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए आज केंद्र सरकार की तरफ से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह किसानों से बात करेंगे। किसानों का कहना है कि MSP और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लिखित गारंटी चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है।
आज केंद्र सरकार करेगी किसानों से बात-
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से आज केंद्र सरकार बातचीत करेगी। कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली। ऐसे में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मंथन से कोई हल निकल सकता है। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बातचीत की अगुवाई करेंगे। किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। ऐसे में क्या सरकार की बातचीत के पहल से किसान मानेंगे, इसपर हर किसी की नज़रें बनी रहेंगी। किसानों का कहना है कि MSP और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लिखित गारंटी चाहिए। किसान संगठनों को डर है कि नया कानून जैसे ही जमीन पर उतरेगा, MSP धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। यही कारण है कि MSP हमेशा के लिए बनी रहे, वो इस बात को कानून में शामिल करवाना चाहते हैं। किसान संगठनों से आज दोपहर तीन बजे केंद्र सरकार बात करेगी। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे। उनके साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री रह सकते हैं। इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जो कानून पर विस्तार से बात करेंगे, वो भी मौजूद रहेंगे।
राहुल गांधी किसानों के समर्थन में आए-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए। पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर एस. सभ्रान का कहना है कि देश में करीब 500 किसान संगठन आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ने 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए बुलाया है। ऐसे में जबतक सभी को नहीं बुलाया जाएगा, हम नहीं जाएंगे। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि वो सभी संगठनों से बात करने के बाद ही सरकार के निमंत्रण पर सोचेंगे।