रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया. ये संबोधन वर्चुअल था. इस दौरान कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया. भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसका इलाज न होने के कारण लोगों की उम्मीद वैक्सीन पर टिकी हुई है. इस बीच रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ रूस का स्पुतनिक वी वैक्सीन जल्द ही भारत पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे वैज्ञानिकों के परीक्षणों को जल्द पूरा करेंगे. जैसे की सरकार ने पहले डॉक्टरों और हेल्थ केयर स्टाफ को टीका लगाने की मंजूरी दे दी है. आपको बता दें उन्होंने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने वर्चुअल एड्रेस में ये बात कही.
कोरोना संकट में पूरी दुनिया ने समझ लिया है कि हमारे असली ‘सुपर मैन’ और ‘वंडर वूमन’ तो हमारे डाक्टर्स, नर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ है।
इस महामारी के दौरान, Medical Fraternity ने लोगों की सेवा की, जिस निस्वार्थ भाव से अपना सामाजिक दायित्व निभाया, पूरी मानवता उसकी हमेशा ऋणी रहेगी। pic.twitter.com/ix3yRnZXhY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 22, 2020
हाल ही में रूस ने दावा किया था कि कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक वी दूसरे अंतरिम विश्लेषण के अनुसार 95 फीसदी प्रभावी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भारत को एक ऐसा युद्ध लड़ने के लिए मजबूर कर दिया है, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि गोला बारूद और सैनिकों के बजाय इस युद्ध में सबसे आगे चिकित्सा बिरादरी है. यह एक ऐसी स्थिति है जो स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान 100 साल पहले आई थी.
उन्होंने कहा कि कोई भी सुपरमैन इस महामारी से लोगों को नहीं बचा सकता और उन्होंने डॉक्टरों को असली सुपरहीरो कहा. राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना संकट में पूरी दुनिया ने समझ लिया है कि हमारे असली ‘सुपर मैन’ और ‘वंडर वूमन’ तो हमारे डाक्टर्स, नर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ है. इस महामारी के दौरान, Medical Fraternity ने लोगों की सेवा की, जिस निस्वार्थ भाव से अपना सामाजिक दायित्व निभाया, पूरी मानवता उसकी हमेशा ऋणी रहेगी.
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार बनी थी, तब देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या सिर्फ 381 थी, जो आज बढ़कर 541 हो गई है. इसी तरह 2014 में देश में कुल मेडिकल सीटों की संख्या 54,348 थी, जो 2020 में अब बढ़कर 80,312 हो गई है.
2014 में जब हमारी सरकार बनी थी, तब देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या सिर्फ 381 थी, जो आज बढ़कर 541 हो गई है।
इसी तरह 2014 में देश में कुल मेडिकल सीटों की संख्या 54,348 थी, जो 2020 में अब बढ़कर 80,312 हो गई है। pic.twitter.com/9SgsNXtjHA
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 22, 2020