नई दिल्ली। स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने और भारत को हथियारों और सैन्य प्लेटफार्मों के वैश्विक केंद्र हब में बदलने पर ध्यान केंद्रित करते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रक्षा उत्पादन परिषद (डीएसी) में एक नए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) का अनावरण किया।
सिंह ने कहा कि डीएपी ने भारतीय घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करते हुए आयात प्रतिस्थापन और निर्यात दोनों के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के निर्माण को प्रोत्साहित करने के प्रावधानों को भी शामिल किया है।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh released the New Defence Acquisition Procedure (DAP) at the Defence Acquisition Council (DAC) meeting in South Block today. pic.twitter.com/RScpzGIG15
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 28, 2020
इसमें आगे कहा गया है, “नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की घोषणा के साथ, डीएपी 2020 में भारतीय घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करते हुए आयात प्रतिस्थापन और निर्यात दोनों के लिए विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रावधान शामिल हैं।”
ऑफसेट दिशा-निर्देशों को भी संशोधित किया गया है, जिसमें घटकों पर पूर्ण रक्षा उत्पादों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी और ऑफ़सेट्स के निर्वहन में प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न मल्टीप्लायरों को जोड़ा गया है।
रक्षा मंत्री कार्यालय ने कहा कि एक नई प्रक्रिया को डीएपी में एक नए अध्याय के रूप में शामिल किया गया है और सेवाओं के लिए पूंजीगत बजट के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए एक सरलीकृत प्रक्रिया के तहत आवश्यक प्रावधान के रूप में संरचित किया गया है।