नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह में वीरता मेडल से सम्मानित किए गए BSF के जवान को सुरक्षा प्रोटोकॅाल तोड़ते हुए गले लगा लिया जो कश्मीर में आतंकरोधी अभियान के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए 85 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हो गए थे।
सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में साल 2014 में आंतकवादी हमले के दौरान कई गोलियां लगने से घायल हुए बीएसएफ के जवान गोधराज मीणा को वीरता मेडल से सम्मानित करने के बाद गले से लगा लिया।
अलंकरण समारोह में मीणा की बहादुरी का किस्सा बताते हुये उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2014 को उधमपुर स्थित नरसू नाला के पास बीएसएफ के जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला कर दिया गया।
मीणा के सीने पर सिंह द्वारा वीरता मेडल लगाए जाने से पहले उनके साहस की यह कहानी सुन विज्ञान भवन का विशाल सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इतना ही नहीं वीरता के तमगे से नवाजे गए मीणा द्वारा सलामी देने के प्रयास से प्रभावित सिंह ने प्रोटोकॅाल के तहत मेडल मिलने के बाद सैनिक को सम्मानित करने वाले व्यक्ति से हाथ मिलाकर सलामी देनी होती हैं।
समारोह में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे अनूठा क्षण बताते हुए कहा कि मीणा ने बोलने और चलने-फिरने में अक्षम होने के बावजूद अलंकरण समारोह में वीरता सम्मान पाने के लिए पूरी वर्दी धारण की उनके जज्बे से प्रभावित होकर गृह मंत्री ने भी प्रोटोकॅाल को दरकिनार कर मीणा की बहादुरी को अनुकरणीय बताते हुए उन्हें गले से लगाया।