नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस से पहला राफेल लड़ाकू विमान रिसीव करने बाद भारत वापस लौट आए हैं। उन्होंने वापस लौटते ही राफेल एयरक्राफ्ट की पूजा किए जाने पर छिड़े विवाद को लेकर जवाब दिया। डिफेंस मिनिस्टर ने कहा, ‘मैंने वही किया, जो मुझे सही लगा। यह हमारी आस्था है कि कोई महाशक्ति है और मैं इस पर बचपन से भरोसा करता रहा हूं।’
बता दें कि राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सभी धर्मों के लोगों को अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करने का अधिकार है। यदि किसी और ने ऐसा किया होता, तब मैं इस पर कोई आपत्ति नहीं करता।’ कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से ऐतराज जताए को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में भी इस पर राय बंटी हुई होगी। जरूरी नहीं है कि हर किसी की यही राय हो।’ राजनाथ ने कहा कि राफेल को शामिल करने से वायुसेना की रक्षा और अटैक की ताकत में इजाफा होगा।
इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने राफेल से भारतीय वायुसेना को ताकत मिलने की बात करते हुए कहा कि यह 1800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने 1300 किमी प्रति घंटे की स्पीड से इसमें उड़ान भरी। राफेल जेट के भारत आने का पूरा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को देते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में ही यह संभव हो सका है।
बता दें कि डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने पैरिस जाकर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खेप के तहत पहला विमान रिसीव किया था। यही नहीं उन्होंने वहां राफेल एयरक्राफ्ट पर उड़ान भी भरी थी। एयरक्राफ्ट को रिसीव करने के बाद डिफेंस मिनिस्टर ने दशहरे के मौके पर शस्त्र पूजन की विधि करते हुए राफेल की भी पूजा की थी। राफेल पर ॐ लिखने, नारियल चढ़ाने और पहियों के नीचे नींबू रखे जाने की तमाम लोग निंदा कर रहे थे। यही नहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संदीप दीक्षित ने भी इस तरीके से एयरक्राफ्ट की पूजा किए जाने पर आपत्ति जताई थी।