गुरुग्राम। बीएसएफ के 79वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुग्राम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में नक्सलवाद की ‘गंभीर’ चुनौती अब खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है। माओवादी सुरक्षाबलों के खिलाफ कायराना हमलों का सहारा ले रहे हैं, क्योंकि वे सीधे-सीधे मुकाबला करने में सक्षम नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि हतोत्साहित नक्सली अब सुरक्षा बलों के साथ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं रहे और इसलिए अपनी सीमित क्षमताओं के साथ वे घात लगाकर और कायराना हमलों का सहारा ले रहे हैं। अपने भाषण के दौरान मंत्री ने इस महीने के शुरू में छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हुए बल के नौ जवानों को श्रद्धांजलि दी।
देश में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व करने वाले बल सीआरपीएफ के 79वें स्थापना दिवस पर इसके जवानों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इन बलों के नक्सलियों के खिलाफ अभियानों के चलते हाल के दिनों में माओवादियों की घटनाओं में जबरदस्त कमी आई है और नक्सलियों के हताहत होने की संख्या में इजाफा हुआ है।उन्होंने सीआरपीएफ जवानों से कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में चरमपंथ जैसे विभिन्न खतरों में ‘बहु आयामी’ भूमिकाएं निभाते रहने के लिए कहा। सिंह ने कहा, ‘आपने इन गतिविधियों को हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि माओवाद अब गंभीर चुनौती बन गया है लेकिन इन बहादुर जवानों और सीआरपीएफ एवं अन्य बलों की दृढ़ कार्रवाई के चलते इन घटनाओं में अब जबरदस्त कमी आई है।’ यहां कादरपुर में सीआरपीएफ के ऑफिसर्स अकैडमी के परेड मैदान में उन्होंने कहा, ‘इससे पहले सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच हताहतों की संख्या अधिक होती थी, लेकिन अब यह उलटा हो गया है और माओवादियों के हताहत होने की दर बढ़ी है।