नई दिल्ली। देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की जयंती के मौके पर लोग उनके बारे में गूगल पर सर्च करके उनके बारे में जानकारी लो रहे हैं। लोग राजीव से जुड़े ऐसे किस्से और कहानियां ढूंढ रहे हैं जो किसी ने न सुनी हो। राजीव गांधी से जुड़ी एक ऐसा ही किस्सा हम आज आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। ये किस्सा राजीव और अमिताभ बच्चन की दोस्ती को लेकर है। इन दोनों की दोस्ती लोगों के लिए मिसाल थी। ये दोनों बचपन के दोस्त थे। जब भी दोनों की मुलाकात होती थी तो मौज-मस्ती के साथ होती थी। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों एक दूसरे से अपने सुख-दुख की सारी बातें श्यर करते थे। बताया जाता है कि अमिताभ और राजीव की दोस्ती चार साल की उम्र में हुई थी। चार साल की उम्र में दोनों की मुलाकात हुई थी राजीव ने पहली बार अमिताभ को अपनी मां की गोद में लेटा देखा था। राजीव की मां इंदिरा ने ही दोनों की दोस्ती कराई थी। आगे चल कर ये दोस्ती मिसाल बन गई।
कहते हैं जब पूरी दुनिया साथ छोड़ देती है तो सिर्फ एक दोस्त ही ऐसा होता है जो मुसीबत में अपने दोसेत के काम आता है। और ऐसा ही कुछ हुआ अमिताभ और राजीव का दोस्ती में। जब तीन साल सोनिया के साथ रहने के बाद राजीव ने सोनिया गांधी से शादी करने का फैसला लिया तो मां इंदिरा इनके रिश्ते के लिए तैयार हो गई। राजीव से शादी करने के लिए सोनिया पहली बार 1968 में भारत आई। हालांकि उनके साथ उनकी फैमली वाले इटली से नहीं आए थे। ऐसे में दोनों के लिए सबसे बड़ी समस्या थी कि अपनी शादी को कैसे पूरा करें। क्योंकि हिंदू रिवाज के मुताबिक शादी में बेटी के पिता दान की रस्म अदा करते हैं।
इसी बात को लेकर राजीव गांधी परेशान थे। तभा राजीव को इस समस्या की समाधान निकलने के लिए अपने सबसे अच्छे दोस्त का क्याल आया और वो अमिताब के घर पहुंचे। राजीव ने अमिताभ को अरपनी समस्या बताई और अमिताभ ने इस बारे में अपनी मां तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन से बात की और अमिताभ ने अपने परिवार को सुझाव दिया कि क्यों न सोनिया गांधी की शादी इसी घर से की जाए। अमिताभ का ये सुझाव सभी को पसंद आया।
वहीं जब सोनिया शादी के लिए दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तो राजीव के साथ अमिताभ भा उन्हें लेने गए। भारतीय परंमपरा के अनुसार शादी से पहले सोनिया राजीव के घर नहीं जा सकती थी। इसलिए सोनिया शादी तक अमिताभ के घर में रही सोनिया ने अमिताभ के घर में 45 दिन गुजारे। इसके बाद राजीव अमिताभ के घर बारात लेकर पहुंचे और हरिवंश राय ने सोनिया का कन्यादान किया। हमारे यहां लड़की का घर दूल्हे का सुसराल कहा जाता है तो इस नाते अमिताभ का घर राजीव गांधी का सुसराल माना जाता है।