नरेश सोनी, संवाददाता
भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में साल 1971 युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर विजय मशाल लोंगेवाला युद्ध स्मारक पर पहुंची। मशाल को मेजर स्व. कुलदीप सिंह चांदपुरी की धर्म पत्नी सुरिंदर कोर चांदपुरी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिनहास जीओसी कोणार्क ने 1971 की लड़ाई में शहीद हे स्व. ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी व बहादुर सैनिकों के सम्मान में श्रदांजलि अर्पित की।
सैनिकों के सम्मान में श्रदांजलि अर्पित
लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिनहास ने कहा कि लोंगेवाला युद्ध स्मारक पर आज उन बहादुर सैनिकों के सम्मान में श्रदांजलि अर्पित की, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
उन्होने कहा कोणर्क कोर की स्वर्णिम विजय टीम ने खास जगह मिट्टी एकत्रित की जहां मेजर कुलदीप सिंह ने 23 पंजाब रेजिमेंट की अल्फा कम्पनी के 120 बहादुर जवानों का नेतृत्व करते हुए 5 दिसम्बर 1971 को दो हजार सैनिकों और 65 टैंकों से लैस पाकिस्तानी हमले को नाकाम कर दिया था।
विजय मशाल करेगी प्रोत्साहित
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि ये 23 पंजाब रेजिमेंट की अल्फा कम्पनी के सेनिकों की बहादुरी का ही कारनामा था, जिसने दुश्मन के लगभग 179 जवानों ओर 37 टैंकों को बर्बाद कर दिया था। अब ये विजय मशाल देश की अगली पीढ़ी को प्रोत्साहित करने एंव उनमें देशभक्ति का उत्साह भरने के लिए भारतमाला के साथ तनोट एंव सम को जोड़ते हुए मुनाबाव होते हुए अपनी अग्रिम यात्रा का सफर तय करेगी।