केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जल जीवन मिशन की समय सीमा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को लेकर पलटवार करते हुए ट्वीट कर निशाना साधते हुआ लिखा कि माननीय अशोक गहलोत जी राज्य का लक्ष्य स्वयं आपने तय किया था।
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प्रधानमंत्री का संकल्प है 2024 तक हर घर को जल देना है। समय सीमा बढ़ाने की बात करने की बजाय कमियाँ दूर कर गतिशक्ति में सहयोग कीजीए। सबका साथ, सबका विकास के भाव से साथ बढ़िये, यही राजस्थान के लिए हितकारी होगा।
देखें यह ट्वीट
मा @ashokgehlot51 गहलोत जी राज्य का लक्ष्य स्वंय आपने तय किया था ।मा प्रधानमंत्री जी का संकल्प है 2024 तक #हरघरजल देने का है।समयसीमा बढ़ाने की बात करने की बजाय कमियाँ दूर कर गतिशक्ति में सहयोग करें #सबकासाथ सबकाविकास के भाव से साथ बढ़े,यही राजस्थान के लिए हितकारी है @PMOIndia https://t.co/XJDKfVLtWF
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) April 21, 2022
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाए जाने का आग्रह किया था। जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि जल जीवन मिशन के शुरूआती दिनों में मार्च से लेकर जुलाई, 2020 तक कोविड महामारी के चलते लॉकडाउन में इसकी गति धीमी रही जिस कारण जल जीवन मिशन में जरूरत के अनुसार काम नहीं हो सका। इसके बाद वर्ष 2021 में मार्च से लेकर जुलाई तक भी कोविड की परिस्थितियों के कारण मिशन के काम आंशिक रूप से बाधित रहे।
उन्होंने कहा था कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां अति विषम भौगालिक परिस्थतियां एवं छितराई हुई बसावट है। प्रदेश का दो तिहाई हिस्सा मरूस्थलीय और दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्र है। ऐसे कठिन इलाकों के लिए परियोजनाओं की समय सीमा पूर्व में 30 से 48 माह थी। लेकिन अब इसे घटाकर 12 से 24 महीने कर दिया गया है। इस कारण लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाए जाने का आग्रह किया था। जिसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गहलोत पर निशाना साधा और उन्हें सहयोग और जनकल्याण की भावना से काम करने की सलाह दी।