अशोक गहलोत के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अपना बयान देते हुए कहा कि राजस्थान और पंजाब में अंतर है। स्टोरीज और रियलिटी में भी अंतर होता है.। राजस्थान के विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं। दोनों को एक साथ जोडा नहीं जा सकता।
आपको बता दें कि कांग्रेस में पंजाब के बाद राजस्थान में उठ रही राजनीतिक अफवाहों के बीच अशोक गहलोत के कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने ये बात कही। हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में जो बदलाव देखने को मिला उसमें मेरा कोई रोल नहीं है। मेरा रोल बहुत लिमिटेड था।
कांग्रेस का नेतृत्व ना कमजोर था ना कभी कमजोर होगा, उन्होंने कहा कि सब कुछ डेमोक्रेटिक ढंग से हुआ है, पार्टी ने अमरिंदर सिंह को काफी मौके मिले, साथ ही अपमानित करने के जो आरोप हैं वो बेबुनियादी हैं।
विधायकों ने इसकी मांग की थी, सबको अपनी बात रखने का हक है और पार्टी ने बात रखी। राजस्थान और पंजाब में अंतर है।
बता दें कि जयपुर में सोमवार को एक प्रेसवार्ता में मंत्री हरीश चौधरी ने ये बयान दिया, उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी अपनी बात रखने की संगठन में व्यवस्था है। स्टोरीज और रियलिटी में भी कोई अंतर होता है।
राजस्थान के विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं और दोनों को एक साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता, बता दें कि पंजाब की घटन के दौरान हरीश चौधरी और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
इतना ही नहीं हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में मुझे कोई खेमा नजर नहीं आ रहा है, हांलाकि मत अलग अलग हो सकते हैं लेकिन केबिनेट का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को ही होता है। अपनी बात रखने का अधिकार सबको है। मुख्यमंत्री गलहोत की सेहत ठीक नहीं थी इसलिये वो दिल्ली नहीं जा सके।
पार्टी को कई मामलों में उनकी सलाह लेनी होती है। वहीं हरीश चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट को हम परिवार का सदस्य मानते हैं, साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हमारे मुखिया हैं। कड़े फैसले पार्टी में होते रहते हैं, और आगे भी होंगे, पॉवर और पोलिटक्स खतरनाक चीज है।