केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जल भागीरथी फ़ाउंडेशन की ओर से आयोजित बिजोलाइ जोधपुर में नदियां भारत की विरासत कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रहलाद सिंह पटेल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की ओर से हर घर जल का लक्ष्य 2024 है और उसके लिए निरंतर काम किए जा रहे हैं।
‘नदियां भारत की विरासत कार्यक्रम’ में पहुंचे प्रहलाद सिंह पटेल
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जल भागीरथी फ़ाउंडेशन की ओर से आयोजित बिजोलाइ जोधपुर में नदियां भारत की विरासत कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रहलाद सिंह पटेल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की ओर से हर घर जल का लक्ष्य 2024 है और उसके लिए निरंतर काम किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनमें नदियों के विकास और जल संरक्षण के अंतर्गत शामिल है। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण योजनाओं के अंतर्गत अटल भूजल योजना के अंतर्गत सात राज्यों जिनमें गुजरात में 480 योजनाओं के अंतर्गत 480 पूर्ण कर ली गई हैं। इसके साथ ही हरियाणा में 75 योजनाओं के अंतर्गत 47 पूर्ण की गई, कर्नाटक में 429 में से 405 पूर्ण की गई, मध्यप्रदेश में 446 में से 446 पूरी हुई। वहीं महाराष्ट्र में 1024 में 810 पूर्ण, राजस्थान में 820 में से 601 पूर्ण तथा उत्तरप्रदेश में 249 में से 249 पूर्ण कर ली गई हैं।
प्रहलाद पटेल ने कहा कि अटल भूजल योजना के अंतर्गत 8350 पंचायतों को जोड़ा गया है। जिसमें ऋण विश्व बैंक और सरकार की ओर से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रे वाटर मैनेजमेंट भी नई चुनौती है और सरकार द्वारा भी इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसको देखते हुए सार्वजनिक स्थानों स्कूल, अस्पताल आदि में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी पहुंचना होगा। श्री पटेल ने कहा कि वन मंत्रालय द्वारा नदियों के किनारे वृक्षारोपण अभियान चलाने पर भी विचार किया जा रहा है। पटेल ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से चुनातियों का समाधन निकलेगा। सभी को मिलकर नदी के पुर्नजीवन के लिए कार्य करने होंगे। इस अवसर पर प्रहलाद सिंह पटेल ने वैश्विक विरासत नदियों पर संकट पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
वहीं इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता और जल पुरुष से प्रख्यात राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य जल संकट के समाधान को निकालना है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को विभिन्न अभियानों से जोड़ने का प्रयास किया है। सम्मलेन के द्वारा जल और समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधान के विभिन्न उपायों पर विचार विमर्श किया गया है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु,ओडिशा, बिहार, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल आदि से सदस्य शामिल हुए। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के सदस्यों ने जल संरक्षण पर अपने विचार भी साझा किए।