राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हिम्मताराम भांभू को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। हिम्मताराम भांभू 1975 से अब तक साढ़े पांच लाख से अधिक पौधे रोप चुके हैं।
पद्मश्री से सम्मानित किए गए हिम्मताराम भांभू
राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हिम्मताराम भांभू को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में सोमवरा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिम्मताराम भांभू को पद्मश्री से सम्मानित किया। हिम्मताराम भांभू 1975 से अब तक साढ़े पांच लाख से अधिक पौधे रोप चुके हैं। किसान और पर्यावरण प्रेमी हिम्मतराम भांभू को उनके इसी योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने रेगिस्तानी इलाकों में जगह-जगह पौधारोपण के साथ पर्यावरण के लिए वर्षों संघर्ष किया है।
1975 से पौधे लगा रहे हैं हिम्मताराम
नागौर जिले के सुखवासी गांव के रहने वाले हिम्मताराम जब 18 साल के थे तो उनकी दादी ने उनसे पीपल का एक पौधा लगवाया था और इस पौधे का पूरा ध्यान रखने के लिए कहा था। उस दिन दादी से मिली प्रेरणा का नतीजा यह है कि 1975 से अब तक हिम्मताराम राजस्थान के कोने-कोने में करीब साढ़े पांच लाख पौधे रोप चुके हैं। पद्मश्री हिम्मत राम अब तक लाखों पेड़ लगा चुके हैं। जिसके चलते वे राजीव गांधी पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार- 2014 से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।
1000 पक्षियों और जानवरों को खिलाते हैं 20 किलो दाना
हिम्मतराम ने राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में जगह-जगह पौधारोपण के साथ पर्यावरण के लिए वर्षों संघर्ष किया है। वो आज भी पेड़-पौधों के जरिए पर्यावरण संरक्षण के प्रेरणास्रोत बने हैं। वे अब तक लाखों पेड़ लगा चुके है। आज भी भांभू करीब 1000 पक्षियों और जानवरों को रोजना 20 किलो दाना खिलाते हैं। हिम्मताराम ने नागौर के नजदीक हरिमा गांव में छह एकड़ जमीन खरीदी और उस पर 11 हजार पौधे रोपकर एक समृद्ध जंगल तैयार कर दिया। यहां 300 मोर और पशु-पक्षी प्राकृतिक वातावरण में रहते हैं।