देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भारत बंद बुलाया गया था। जिसका मिला जुला असर राजस्थान में भी देखने को मिला। राजस्थान में कई जिलों में किसान सड़कों पर नजर आए तो कहीं किसान आंदोलन का बिल्कुल भी असर नहीं रहा।
किसानों के भारत बंद का मिला जुला असर
देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भारत बंद बुलाया गया था। जिसका मिला जुला असर राजस्थान में भी देखने को मिला। राजस्थान में कई जिलों में किसान सड़कों पर नजर आए तो कहीं किसान आंदोलन का बिल्कुल भी असर नहीं रहा। राजधानी जयपुर में भी किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। भारत बंद के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के अलग-अलग संगठनों ने रैली निकाली और प्रदर्शन किया। किसानों के इस बंद का व्यापारियों ने भी समर्थन किया। शहर के कई इलाकों में दुकानें पूरी तरह बंद रहीं तो कहीं बंद का असर कम देखने को मिला।
कहीं सड़कों पर दिखे किसान तो कहीं सड़कों पर सन्नाटा
कोटा में भी संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। भारत बंद का असर यहां भी देखने को मिला। कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़कों पर उतरे और भारत बंद का समर्थन किया। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर बाजार बंद करवाया। भारत बंद को कांग्रेस और ट्रेड यूनियन ने समर्थन दिया।
केंद्र के खिलाफ नारेबाजी कर कानून वापस लेने की मांग
बीकानेर में भी भारत बन्द को लेकर मिला जुला असर देखने को मिला। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने कोटगेट पर टायर फूंककर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध जताया। इस दौरान कोटगेट पर दुकान बंद करवाने को लेकर किसान नेताओं की दुकानदारों के साथ नोकझोंक भी हुई।
कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीने से आंदोलन कर रहे किसान
किसानों की ओर से भारत बंद के सफल होने की बात कही गई। वहीं किसानों की ओर से जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन भी तक समस्या का समाधान नहीं निकल पाया। आलम ये है कि किसान हर दिन नई रणनीति बनाकर सरकार पर दबाव डालने का काम कर रहे हैं।