पंजाब में कांग्रेस का नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस आलाकमना नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी कर रहा है। राजस्थान में भी सत्ता परिवर्तन होने वाला है?
पंजाब के बाद क्या राजस्थान में होगा नेतृत्व परिवर्तन
पंजाब में कांग्रेस का नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस आलाकमना नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी कर रहा है। क्या राजस्थान में भी सत्ता परिवर्तन होने वाला है। ये तमाम सवाल शुक्रवार को तब उठने लगे जब राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से मिले। दिल्ली में राजस्थान की सियासत पर बैठक हुई। लेकिन इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मौजूद रहे। जिसके बाद राजस्थान में भी नेतृत्व परिवर्तन की खबरें जोर पकड़ने लगी।
दिल्ली में हुई बैठक में क्या बात हुई ?
पंजाब के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान मसलों की ठीक करने की कवायद में एक्टिव हो गया है। दिल्ली में राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान में बिगड़े हुए मसलों को लेकर अहम बैठक की। इस बैठक में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद रहे। इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस के कई मंत्रियों का राहुल गांधी से मिलना बता रहा है कि राजस्थान में जल्द ही सत्ता और संगठन में बड़ा फेरबदल होने वाला है। अब फेरबदल की अकटलें इसलिए भी तेज हो गई हैं क्योंकि एक हफ्ते में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दूसरी बार राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं।
मंत्रियों और विधायकों की दिल्ली दौड़ जारी
इधर मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर चल रही अटकलों के बीच गहलोत कैबिनेट के मंत्रियों की भी दिल्ली दौड़ जारी है। ऐसे में अब राजस्थान में किस लेवल पर सत्ता परिवर्तन होने वाला है इसका अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है। एक ओर सचिन पायलट के राष्ट्रीय राजनीति में जाने की खबरें सामने आ रही हैं तो दूसरी ओर पायलट समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। इसके साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की राजस्थान में नई भूमिका को लेकर भी कयासों का दौर जारी है।
सिद्धू की तरह पायलट भी खेल पाएंगे ‘खेला’?
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी और खेला ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की गद्दी से नीचे उतार दिया। अब सवाल ये उठता है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू कि तरह पायलट भी अशोक गहलोत के सिंहासन को हिलाने में कामयाब हो जाएंगे। या फिर हर बार कि तरह इस बार भी पायलट की कोशिश महज कोशिश बनकर ही रह जाएगी।