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जैसलमेर: प्रथम प्रयास में ही ललित चारण बने RAS, भारतीय वायसेना में थे गरुड़ कमांडो

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Naresh Jaisalmer जैसलमेर: प्रथम प्रयास में ही ललित चारण बने RAS, भारतीय वायसेना में थे गरुड़ कमांडोनरेश सोनी, संवाददाता

जैसलमेर में एक शिक्षक के तीनों बेटे अब उच्च पदों पर तीसरे बेटे के भी राजकीय सेवा में जाने से सपना हुआ पूरा ।

शिक्षक और डाईट के पूर्व प्रधानाचर्य उगमदान चारण के बेटे ललित चारण के पहले प्रयास में सफलता मिलने पर परिवार में खुशी का माहौल वहीं बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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ललित भारतीय वायसेना में थे गरुड़ कमांडो

बता दें कि ललित पहले भारतीय वायसेना में गरुड़ कमांडो के रूप में देश सेवा भी कर चुके हैं। रिटायरमेंट लेने के बाद राजकीय सेवा में जाने का निश्चय किया और बन तहसीलदार गए। ललित चारण के दोनों भाई भी उच्च पदों पर हैं। अशोक चारण मुम्बई में इनकम डिपार्टमेंट में डिप्टी कमिश्नर के पद पर हैं। तो हिम्मत चारण आरपीएस राजस्थान पुलिस सेवा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

‘दादा-पिता के आदर्शों पर चला’

शिक्षक उगमदान बारहट के ज्येष्ठ पुत्र ललित चारण ने अपने दादा और पिता के आदर्शों पर चलकर राजकीय सेवा तक का मुकाम हासिल किया। ललित चारण बताते हैं कि मेरे दादा जेसू दान बारहट एवं मेरी माता संतोष कंवर अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनके आदर्श मेरे जेहन में ताजा हैं। उनके मार्गदर्शन के चलते में पहले ही प्रयास में RAS अधिकारी बन पाया।

‘डिफेंस सेवा से लेना पड़ा रिटायरमेन्ट’

उन्होने कहा कि गरुड़ कमांडो के रूप में देश सेवा करने के बाद दुर्भाग्य से मुझे डिफेंस सेवा से रिटायरमेन्ट लेना पड़ा। बस उसी क्षण मैंने राजकीय सेवा में जाने का निश्चय किया। और वर्ष 2016 से RAS की तैयारी में लग गया। 2018 में आई भर्ती में शामिल होकर 2021 में मैंने RAS अधिकारी तक का सफर तय किया।

‘जैसलमेर शिक्षा में पिछड़ा जिला रहा’

उन्होने बताया कि इस कार्य में मेरे दोनों छोटे भाई जो स्वयं IRS और आरपीएस सेवा में हैं ने मुझे मोटिवेट किया। देश सेवा के बाद राजकीय सेवा का अवसर मिलना अपने आप में अतुलनीय अहसास है। ललित चारण कहते हैं जैसलमेर शिक्षा में पिछड़ा जिला रहा है। लेकिन अब इंटरनेट के बढ़ते चलन और तकनीकी के युग में हर छात्र आसानी से शिक्षा की तरफ उन्मुख होने लगा है।

वहीं जैसलमेर की विषम भौगोलिक विषमता के कारण यहां के छात्रों को मेहनत करने में खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता जिसके चलते अच्छी सफलता अर्जित की जा सकती है।

तीनों ही बेटे राजकीय सेवा में

ललित चारण के पिता उगमदान बारहट जिला शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र में प्राचार्य हैं। उनका अब सपना पूरा हुआ जब तीनों ही बेटे राजकीय सेवा में चयनित हो गए। लेकिन कमी अगर है तो उनके पिता जेसुदान बारहट और स्वयं की धर्मपत्नी संतोष कंवर की जिनके रहते ये सपना पूरा नहीं हो सका।

‘कलेक्टर की पहल चर्चा का विषय’

ललित चारण का कहना है कि जैसलमेर जिले से इसबार 14 अभ्यार्थियों के चयन पर जिला कलेक्टर आशीष मोदी की पहल भी चर्चा का विषय है। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों को गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस तरह का मोटीवेशन आने वाले समय में अन्य विद्यार्थियों को सिविल सेवा में जाने के लिए मार्गदर्शन देगा।

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