राजस्थान कांग्रेस में काफी समय से चल ही गुटबाजी अब दिल्ली हेडऑफिस तक पहुंच चुकी है। सिरोही जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य को हटाने की मांग को लेकर 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में अविनाश पांडे से मुलाकात की और जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग की।
दरअसल दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर जाकर 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अविनाश पांडे से कहा कि जिस शख्स दो बार निष्कासित किया गया है। भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए है। जो अभी भी पार्टी से निष्कासित है। ऐसे शख्स को अगर नहीं हटाया गया तो सिरोही से कांग्रेसी आएंगे और शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करेंगे।
ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है जब कांग्रेस की गुटबाजी देखने को मिली हो। इससे पहले 25 अप्रैल को शाहपुरा में आयोजित कांग्रेस के कार्यक्रम ‘मेरा बूथ-मेरा गौरव’ में कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के साथ मारपीट हुई थी। इस मामले में शाहपुरा नगर अध्यक्ष बंशीधर सैनी को 6 साल से पार्टी से निष्काषित करने और दो अन्य को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया।
पायलट ने शाहपुरा मामले पर कहा था कि कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो, अनुशासनहीनता किसी भी रूप में बर्दास्त नहीं होगी। पायलट भले ही पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हों। लेकिन अब सिरोही कांग्रेस जिस तरह दिल्ली में अपने ही जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की है। उससे अब यह मामला और बढ़ने की संभावना है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस में पायलट और गहलोत के बीच की गुटबाजी शीतयुद्ध की तरह चल रहा है। ऐसे में अगर इस गुटबाजी को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो उन्हें आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़ा नुकसान हो सकता है।