लखनऊ। कोरोना के दौरान ड्यूटी करते हुए मौत के काल में समाये कर्मचारियों को मुआवजा देने का मांग की जा रही है। वहीं कई विभागों में मौतों के आंकड़े को लेकर विवाद भी हैं। इस बीच रोडवेज में काम करने वाले मृतक कर्मचारियों के परिवारीजनों के लिए रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने बड़ा एलान कर दिया है।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान माह अप्रैल व मई 2021 में यात्री-जनता की सेवा करते हुए उ0प्र0 परिवहन निगम के 113 से ज्यादा कर्मचारी शहीद हो गए हैं। परिषद ने शहीद हुए नियमित, संविदा व आउटसोर्स कार्मिकों को फ्रन्टलाइन कोरोना वारियर्स की भाँति उनके आश्रितों को 50 लाख रूपए अनुग्रह राशि व मृत्यु उपरान्त देय ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, सामूहिक बीमा योजना के अन्तर्गत देय लाभ, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की धनराशि, ईडीएलआई (इम्प्लाई डायरेक्ट लिंक इंश्योरेंस) की धनराशि, कर्मचारी काल्याण कोष योजना के अन्तर्गत देय धनराशि व ईपीएस (इम्प्लाई पेंशन स्कीम) में देय पेंशन आदि का तत्काल भुगतान करने की मांग की है। साथ ही इन दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को मृतक आश्रित कोटे के अन्तर्गत तत्काल नियुक्ति प्रदान करने की भी मांग शासन व निगम प्रबन्धन से की है।
रोडवेज परिषद के महामंत्री गिरीश चन्द्र मिश्र ने बताया कि उन्होंने 31 मई को परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक को इस सम्बन्ध में एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि परिवहन निगम के कार्मिक इस कोरोना काल में भी अपनी व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर अहर्निश यात्री-जनता की सेवा कर रहें है।
गत दो माह के कठिन दौर में हमने अपने कई कर्मचारियों-अधिकारियों को कोविड-19 के संक्रमण के कारण खो दिया और उनका परिवार अनाथ हो गया है। इस बीच दिवंगत हुए कई कार्मिकों के परिवार ने लाखों रूपया उनके इलाज में लगा दिया किन्तु, वह अपने प्रियजन को मौत के मुंह में जाने से बचा न सके और इन दिवंगत हुए कार्मिकों का परिवार गम्भीर आर्थिक संकट से ग्रसित हो गया।
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस कोरोना काल में जनता की सेवा करते हुए दुःखद मृत्यु को प्राप्त सभी श्रेणी के कार्मिकों को भरपूर आर्थिक सहयोग देने, उनके मृत्यु उपरान्त देय हित लाभों का तत्काल भुगतान करने और इनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर अविलम्ब मृतक आश्रित के रूप में सेवायोजित करने की सार्वजनिक घोषणा की है।
इसलिए परिवहन निगम के इन शहीद लगभग 78 नियमित, 31 संविदा व 4 आउटसोर्स कार्मिकों के आश्रितों को तत्काल उनके देय भुगतान किये जायं तथा उनके आश्रितों को परिवहन निगम में सेवायोजित किया जाए।