उत्तराखंड में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलगड़ियों का आवागमन हो सके, इसको लेकर रेलवे ने ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच सुरंग काट कर रेलवे लाइन बिछाने का ठेका छोड़ दिया है। रेलवे का यह ठेका हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (HCC) और दिलिप बिल्डकॉन लिमिटेड (DBL) को मिला है। ये दोनों संयुक्त रूप से इसमें काम करेंगे। इस कार्य को 50 महीने में पूरा किया जाना है।
रेल विकास निगम लिमिटेड ने दिया आर्डर
यह आर्डर रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से दिया गया है और इसके लिए 1,335 करोड़ रुपये का दिए गए है। यह ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच नई बड़ी लाइन के पैकेज-9 के तहत सुरंग, पुल के निर्माण और फॉर्मेशन वर्क्स के लिए दिया गया है। इस संयुक्त उद्यम में हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (HCC) की 60 प्रतिशत यानी 801 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।
8 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का होगा निर्माण
यह 8.04 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का कंट्रैक्ट हैं। जिसमें 6.4 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग है इसके अलावा 6.3 किलोमीटर लंबी निकासी सुरंग, 2 प्रमुख पुल और एक छोटा पुल, 2.2 किलोमीटर लंबे यार्ड और कर्णप्रयाग में एक स्टेशन का निर्माण शामिल है। इस कार्य को 50 महीने में पूरा किया जाना है।
इलाके में पर्यटन एवं कारोबार को मिलेगा बढ़ावा
एचसीसी के ग्रुप चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अर्जुन धवन का इसको लेकर कहना है कि यह इस तिमाही में उन्हें मिला तीसरा ऑर्डर है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच आरवीएनएल की 125 कि.मी. लंबी बड़ी रेल लाइन से उत्तराखंड के पांच जिलों- देहरादून, टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, चमोली और रूद्रप्रयाग में पर्यटन, व्यापार और आवागमन को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना में 12 नए स्टेशन शामिल
इस रेलवे परियोजना में 17 सुरंगें, 16 प्रमुख रेलवे पुल और 12 नए स्टेशन शामिल है। यह रेल लाइन नए व्यापार केंद्रों को जोड़ने का काम करेगी। यह परियोजना देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली और रूद्रप्रयाग को जोड़ते हुए कई प्रमुख स्थानो से होते हुए गुजरेगी।