नई दिल्ली। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वक्त बीजेपी को घेरने का पूरा प्लान बनाया हुआ। जिस पर कांग्रसे काम भा कर रही है। देश में सांप्रदायिक सौहार्द और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दों पर कांग्रेस सोमवार को देशव्यापी अनशन करने जा रही है। राहुल जिला मुख्यालयों में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के साथ एक दिन का अनशन करेंगे। ये अनशन
सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दिन का अनशन रखेंगे। इसी कड़ी में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में राजघाट स्थिति महात्मा गांधी की समाधि पर उपवास करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के सभी आला नेता होंगे। इस उपवास के पीछे की वजह सांप्रदायिक सौहार्द के बिगड़ते माहौल और दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को बताया गया है।
बता दें कि कांग्रेस के नए संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों/प्रभारियों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों के कांग्रेस मुख्यालयों में 9 अप्रैल को उपवास रखा जाए. इसमें 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई गड़बड़ियों और हिंसा के हवाले से कहा गया है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी शासित केन्द्र और राज्य की सरकारों ने हिंसा रोकने और दलितों के हक के संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे मुश्किल वक्त में कांग्रेस को आगे बढ़ कर नेतृत्व करने की दरकार है।
वहीं राहुल गांधी और कांग्रेस का उपवास बीजेपी के उपवास से दो दिन पहले हो रहा है। बीजेपी के सभी सांसद 12 अप्रैल को उपवास रखेंगे। ये निर्देश ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पार्टी सांसदों को दिया गया है। दरअसल मोदी संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष और ख़ासतौर पर कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है। बीते शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में उन्होने बीजेपी सांसदों से कहा कि वे कांग्रेस की विभेदकारी नीतियों के खिलाफ 12 तारीख़ को उपवास रखें। दलितों के मामले ने जिस तरह के तूल पकड़ा और भारत बंद के दौरान जो हिंसा हुई उसके पीछे बीजेपी विपक्ष को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। जाहिर है कांग्रेस और बीजेपी दोनों उपवास के ज़रिए अपने अपने तरीक़े से दलितों के हक़ में खड़ा दिखने की कोशिश कर रही है।