कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए एक साथ चार निशाने साधे लेकिन दूरी दोनों पार्टियों से बराबर बनाए रहे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके 3 मंत्री एलजी हाउस में पिछले 8 दिनों में धरने पर बैठे हैं। जिसके जवाब में राज्य की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सीएम हाउस में धरना कर रही है।
राहुल ने कहा नौकरशाह तो प्रेस कॉन्फ्रेन्स में बिजी
राहुल ने सबसे अहम निशाना साधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जिन्होंने 18 जून की शाम से पहले राहुल की तरह इस प्रकरण पर चुप्पी साध ली है। राहुल ने कहा कि राज्य में अराजक स्थिति बन चुकी है और प्रधानमंत्री ने इस पर आंखें मूंद रखी हैं। ट्वीट का तीसरा निशाना बने नौकरशाह, जो पूरे झगड़े की जड़ हैं। उन्होंने ट्वीट के जरिए उन पर कटाक्ष किया कि नौकरशाह तो प्रेस कॉन्फ्रेन्स में बिजी हैं। आपको बता दें कि अंत में उन्होंने पूरे प्रकरण को ड्रामा बताया और कहा दिल्ली की जनता इससे त्रस्त है।
Delhi CM, sitting in Dharna at LG office.
BJP sitting in Dharna at CM residence.
Delhi bureaucrats addressing press conferences.
PM turns a blind eye to the anarchy; rather nudges chaos & disorder.
People of Delhi are the victims, as this drama plays out.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2018
राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया
राहुल की तरह कांग्रेस ने भी इस मसले पर कांग्रेस की भी स्थिति साफ नहीं है। राहुल ने ट्वीट के जरिए धरने-प्रदर्शन से जनता को बेहाल बताया और इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।एक दिन बाद राहुल गांधी दिल्ली में सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से जारी धरने-प्रदर्शन पर एक ट्वीट पर दोनों पक्षों पर हमला तो किया, लेकिन उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वह किसके पक्ष में हैं।
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पिछले 8 दिनों से राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही, लेकिन अप्रत्याशित तौर पर देश के 2 शीर्ष नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इस पर चुप्पी रही है।जबकि अन्य दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दी, शिवसेना के बाद अब केंद्र में सत्तारुढ़ एनडीए में सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने भी खुलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है।
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘हम न धरने के पक्ष में हैं और न ही धरने का विरोध करने वालों के साथ हालांकि केजरीवाल की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग और मामले में पीएम मोदी के दखल देने का समर्थन जरूर करते हैं।
दिल्ली कांग्रेस के नेता चाहे अजय माकन हों या शीला दीक्षित, आम आदमी पार्टी से हाथ मिलाने के मूड में नजर नहीं आते।हालांकि, कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की संयुक्त सरकार बनने और सीएम एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण के मौके पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक ही मंच पर दिखे।