नई दिल्ली। राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। राहुल की ताजपोशी के लिए जो समय सीमा तय की गई थी उसके मुताबिक अक्टूबर महीने के अंत तक राहुल को अध्यक्ष बन जाना चाहिए था, लेकिन अब यह मुश्किल लग रहा है। चुनाव के शेड्यूल को मंजूरी देने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खबर लिखे जाने तक नहीं बुलाई जा सकी है, जबकि इस बैठक के बाद भी लगभग 10 से 12 दिन का वक्त राहुल की ताजपोशी में लग सकता है। उम्मीद है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अगले कुछ दिनों में बुलाई जा सकती है।
बता दें कि पार्टी में संगठन के चुनाव की जिम्मेदारी उठा रहे सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने पूर्व घोषित वक्त में चुनावी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली, लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने में कुछ और समय लग सकता है। इलेक्शन अथॉरिटी द्वारा तय समय के मुताबिक अक्टूबर के आखिर तक चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन सुस्त रफ्तार को देखते हुए इसकी संभावना बेहद कम नजर आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए शेड्यूल मौजूद है, जिस पर उनको मुहर लगानी है। फिर कांग्रेस कार्यसमिति इस पर रजामंदी देगी और चुनाव घोषित किया जाएगा। कार्यसमिति की बैठक के बाद भी लगभग 10 से 12 दिन का वक्त प्रक्रिया पूरी करने में लगेगा।
वहीं राहुल की ताजपोशी नवंबर तक खिंचने की कई वजहें हैं। वैसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहें, तो ये काम वक्त में भी हो सकता है। इससे पहले चर्चा थी कि दीपावली के बाद चुनावी तारीखों का एलान हो जाएगा, लेकिन अब तक ये नहीं हो पाया है। पार्टी में एक राय यह भी है कि राहुल का चयन हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद हो। दबी जुबान से कुछ नेता शुभ मुहूर्त तलाशे जाने की बात भी कहते हैं। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन काफी वक्त से अध्यक्ष पद पर काबिज होने का राहुल का सपना पूरा होने में अभी और समय लगेगा। कुल मिलाकर 31 अक्टूबर तक पूरी होने वाली राहुल की ताजपोशी की प्रक्रिया अब नवंबर तक खिंच सकती है।
साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चुनाव के शेड्यूल पर मुहर लगने के बाद अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया जाएगा। पहले नामांकन होगा, फिर नामांकन पत्रों की जांच होगी, इसके बाद नाम वापसी के लिए समय दिया जाएगा और एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर ही मतदान होगा। मतदान होने की संभावना बहुत ही कम है। क्योंकि सूत्रों के मुताबिक सिर्फ राहुल गांधी ही नामांकन भरेंगे और चुनौती न मिलने की वजह से एकमात्र उम्मीदवार राहुल गांधी का चयन हो जाएगा। इस प्रक्रिया में 10 से 12 दिन या ज्यादा वक्त भी लग सकता है।