नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन आज भी जा रही है। किसानों को आज 57वां दिन है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम यहीं डटे रहेंगे। इसके साथ किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई 10 दौर की वार्ता में कोई भी समाधान नहीं निकला है। लगातार बेनतीजा हो रही बैठकों को देखकर लगता है कि सरकार भी इस मुद्दे को खत्म करने के मूड में नहीं है। इसी बीच आज राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र कृषि विरोधी कानूनों को वापस ले। इसके साथ ही राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि रोज नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो, कृषि विरोधी कानून रद्द करो।
एक बार फिर कल होगी बैठक-
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार किसानों के समर्थन में बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि बुधवार को हुई बैठक में सरकार ने किसान संगठनों को प्रस्ताव दिया कि हम तीन नए कृषि कानूनों के लागू करने पर दो साल तक के लिए रोक लगा देंगे और जो भी मुद्दे हैं उसे सुलझाने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें सभी पक्षों को सदस्य बनाया जाएगा। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने नरमी दिखाई है और कहा है कि आज की बैठक में आखिरी फैसला लेंगे। सरकार और किसान संगठनों के बीच एक बार फिर कल यानि 22 जनवरी को बैठक होगी।
ट्रैक्टर मार्च पर बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा-
इसके साथ ही किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया गया है। जिसके चलते ट्रैक्टर मार्च का मसला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहुंचा, जहां कोर्ट ने यह फैसला पुलिस को लेने को कहा। इसके साथ ही अभी तक किसानों और के बीच कृषि कानूनों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। ट्रैक्टर मार्च को लेकर आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की। जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला।