नई दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष पदों को लेकर सालों से चली आ रही चर्चा सोमवार को समाप्त हो गई। कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी को निर्विरोध चुन लिया गया है। सोमवार को कांग्रेस पार्टी की कमान पूरी तरह से राहुल गांधी के पास आने की घोषणा हो गई और राहुल आधिकारिक तौर पर 16 दिसंबर को कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 4 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन किया था और जैसा कि उनके खिलाफ किसी अन्य नेता ने नामांकन भी नहीं किया था उससे ये माना जा रहा था की कांग्रेस में अह राहुल युग की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में चुनावी औपचारिकता को पूरा करने की खातिर औपचारिक ऐलान 11 तारीख को किया गया।
राहुल गांधी के कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर साफतौर पर देखी जा रही है। बड़ी संख्या में पार्टी दफ्तर के बाहर मौजूद कार्यकर्ताओं नें ऐलान के बाद जमकर अपनी खुशी का इजहार किया और एक दूसरे को रंग लगाकर बधाई दी। कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल गांधी के आगे सबसे बड़ी जिम्मेदारी गुजरात में पार्टी को जीत दिलाना है। अगर वो गुजरात में कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब हो जाते हैं तो कांग्रेस के पास 2019 के आम चुनाव में अपना पीएम पद का चेहरा होगा। बता दें कि कांग्रेस को लगभग दो दशक बाद उसका नया अध्यक्ष मिला है, इससे पहले साल 1998 में सोनिया गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी और तब से वहीं कांग्रेस के लिए हर छोटा-बड़ा फैसला ले रही थीं, लेकिन अब ये जिम्मेदारी राहुल गांधी के कंधों पर आ गई है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी को जनवरी 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया था। जिसके बाद से वह पार्टी में दूसरे सबसे बड़े नेता के रूप में काम कर रहे थे। सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय पार्टी का प्रतिनिधित्व करती रहेंगी, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उनसे पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण मसलों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जा सकता है। वहीं राहुल के नेतृत्व में लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस क्या लोगों में अपनी पैठ वापस बना पाने में कामयाब होगी ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल सबका ध्यान गुजरात चुनाव के नतीजों पर है क्योंकि राहुल गांधी के लिए पीएम पद का रास्ता इन्ही चुनावों का परिणाम तैयार करेगा।