नई दिल्ली। देश में कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को दो महीने से ज्यादा हो गए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए बैठे हैं। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में नया मोड़ आ गया है। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के समर्थन में आगे आ रही है। इसी बीच राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार बातचीत की बजाय किसानों को पीट रही है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने किसान प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए कहा कि वह एक इंच पीछे नहीं हटें, हम सभी उनके साथ हैं।
प्रधानमंत्री ये नहीं सोचें की ये आंदोलन यहीं खत्म हो जाएगा- राहुल गांधी
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया था। जिसके चलते सरकार ने पुलिस को किसान आंदोलन खत्म करने के आदेश दिए थे। लेकिन कल रात राकेश टिकैत के वायरल हुए वीडियो के बाद किसानों का जत्था गाजिपुर बाॅर्डर पर पहुंच। जिसके बाद किसान आंदोलन को एक और प्रकाश की किरण मिल गई। जिसके चलते अब गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को लाल किला किसने जाने दिया, गृह मंत्री बताएं किसने लाल किला जाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अब शहरों से गावं की तरफ जाएगा। मैं किसानों के साथ हूं। प्रधानमंत्री ये नहीं सोचें की ये आंदोलन यहीं खत्म हो जाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि ये तीनों कानून क्या हैं। पहले कानून से मंडिया खत्म हो जाएंगी। दूसरे कानून से बड़े कारोबारी अनाज की जमाखोरी कर लेंगे। तीसरे कानून से एमएसपी खत्म हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को धमकाने और डराने का प्रयास कर रही है।
सरकार मध्य वर्ग को आने वाले समय में झटका देने जा रही- राहुल गांधी
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि सरकार मध्य वर्ग को आने वाले समय में झटका देने जा रही है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि हम समाधान चाहते हैं। समाधान यही है कि कानूनों को वापस लिया जाए। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान कई जगहों पर हिंसा की घटना सामने आई। प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया। इमारत में कई जगहों पर तोडफोड़ भी की गई।