बलिया के रागिनी हत्याकांड में न्याय के लिए परिजन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं। आरोपी प्रधान और उसके बिगड़ैल बेटे के फेसबुक पर भाजपा नेताओं के साथ पोस्ट तस्वीरों और जय श्री राम के नारों ने उसकी राजनैतिक पहुंच और बलिया पुलिस की शिथिलता को दर्शा दिया है। हालांकि इस मामले में पुलिस की गिरफ्त से दूर रहे ग्राम प्रधान और सोनू तिवारी ने बलिया कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
हमें जंजीरों में कैद करने का सपना मत देखों क्योंकि हम वो भगवा शेर हैं जिसका भी शिकार करते हैं उसका जिस्म भी क्या, रूह भी दम तोड़ देती है। रागिनी हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रिंस तिवारी ने यह पोस्ट अपने फेसबुक पर डाला था। दरसल 8 अगस्त को रागिनी की हत्या के चार दिन पहले आरोपी प्रिंस ने कई पोस्ट किए जिनमें जय श्री राम नारों की भरमार थी। यही नहीं आरोपी के पिता ग्राम प्रधान के फेसबुक पर भी भाजपा के विधायक सांसद के साथ लगी फोटो उसके रसूख की गवाही दे रहे हैं। वही सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा की ग्राम प्रधान से भाजपा का कोई लेनादेना नहीं है
दरसल रागिनी हत्या कांड में पुलिस की भूमिका पर शुरू से ही सवाल खड़े होते रहे हैं। जिस तरह हत्याकांड के बाद बलिया की पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह को पीड़ित परिवार से मिलने में कई घंटे लगे और 10 अगस्त को बलिया में डीआईजी पूरे दिन मौजूद रहे पर पीड़ित परिवार से मिलने का मौका नहीं निकाल पाए, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो ये है जिस रागिनी हत्याकांड को लेकर पूरे देश में उबाल आ गया उस बलिया जनपद के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा एक बार भी अपनी जुबान नहीं खोले और ना ही बलिया आकर पीड़ित परिवार से मिले। रागिनी हत्या कांड से बलिया के आम जन मानस में काफी रोष है जो अब सड़कों पर दिखने लगा है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर शासन द्वारा कुछ भी नही किया गया है जिससे विपक्षी पार्टियों को प्रदेश सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।