नई दिल्ली। रायबरेली नरसंहार को लेकर अब भाजपा में रार मच गई है। पार्टी और सरकार के भीतर एक दूसरे पर लोग हमलावर हो गये हैं। चूंकि भाजपा सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ही अब अपने किराए के गुंडे वाले बयान पर फंस गये हैं। हांलाकि इस मामले में सीएम योगी ने निष्पक्ष जांच के आदेश भले ही दे दिए हैं। लेकिन अब बवाल योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर मचा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देते हुए कहा है कि जो मारे गये हैं वो किराए के गुंडे थे।
अब इसी बात को लेकर योगी सरकार के दूसरे मंत्री बृजेश पाठक स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमलावर हैं, उनका कहना है कि मारे गये लोगों को अपराधी बताकर मामले की जांच को प्रभावित करना गलत है। इस मामले में जिन लोगों को राजनीति संरक्षण मिल रहा है। वो जान लें कि वो कतई बख्शे नहीं जायेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मामले में कहा था कि जो लोग मारे गये हैं वो प्रतापगढ़ और फतेहपुर से आये हुए किराए के गुंडे थे। जिनको सपा के विधायक मनोज पांडे ने बुलाया था। सपा विधायक के इशारे पर ग्राम प्रधान राजा यादव जो कि पूर्व में सपा का कार्यकर्ता था, विधान सभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गया था। उसे मारे और सब सिखाने का प्लान था। जिसको ग्रामीणों ने बचाया । इस सभी के ऊपर विभिन्न थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हांलाकि सीएम योगी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। पीड़ितों को मुआवजा भी देने का ऐलान किया जा चुका है। स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर चारों तरफ ही नहीं बल्कि पार्टी और सरकार के भीतर भी व्यापक आलोचना हो रही है। बात यहां तक आ गई है कि लोग अब उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने तक की भी बात करने लगे हैं। सरकार में मंत्री और पार्टी के नेता बृजेश पाठक ने कहा कि मारे गये युवकों को अपराधी बताना गलत है। इससे जांच प्रभावित हो सकती है। दोषियों को संरक्षण देने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस पूरे मामले में साबित हो चुका है कि युवकों को बुलाकर उनकी जघन्य हत्या की गई थी।