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3 लाख खाने के पैकेट किए तैयार,राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू

radha swami 1 3 लाख खाने के पैकेट किए तैयार,राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू

जम्मू कश्मीर से रवि कुमार की रिपोर्ट

जम्मू, जून 21: कोरोना महामारी के चलते जहाँ एक और प्रशासन द्वारा दिन रात इस संकट से जल्द बाहर निकलने के प्रयास किये जा रहे हैं वहीँ कई ऐसी सामाजिक संस्थाएं हैं जो मुश्किल की इस घडी में प्रशासन के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रहीं है और प्रशासन को हर संभव मदद मुहैया करवा रहीं हैं.

radha swami 2 3 लाख खाने के पैकेट किए तैयार,राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू

कोरोना महामारी के चलते पुरे देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के साथ ही प्रशासन के लिए सबसे ज़रूरी था हर उस आदमी तक खाना पहुँचाना जो लॉकडाउन की वजह से या तो कहीं फंस गया था या फिर ऐसे लोग जिन्हे बाहरी राज्यों से वापिस लाया जा रहा था. ऐसे में राधा स्वामी सत्संग ब्यास संस्था ने आगे आकर न सिर्फ लोगों को ठहराने के लिए उनके सत्संग घरों को इस्तेमाल करने का प्रस्ताव प्रशासन के आगे रखा बल्कि हर रोज़ हज़ारों की संख्या में ज़रूरतमंद लोगों को तीन समय का खाना पहुँचाने का ज़िम्मा भी उठाया.

जम्मू में जिला साम्बा के विजयपुर इलाके में राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू (नजवाल) सेंटर जो जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा सेंटर है वहां पर लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही ज़रूरतमंद लोगों के लिए निःशुल्क खाना बनाना शुरू कर दिया गया. आपको बता दें कि मार्च 25 से लेकर अब तक तीन लाख से ज़्यादा खाने के पैकेट तैयार कर प्रशासन को लोगों में बांटने के लिए सौंपे गए हैं.

राधा स्वामी सत्संग ब्यास नजवाल सेंटर के लंगर में तैयार होता है खाना

radha swami 3 3 लाख खाने के पैकेट किए तैयार,राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू

सेंटर में हर रोज़ करीब 150 सेवादार पुरे सेवाभाव के साथ हाइजीनिक खाना तैयार करते हैं फिर खाने के पैकेट तैयार करके हर रोज़ की ज़रुरत के मुताबिक प्रशासन के हवाले किये जाते हैं. लंगर में खाना बनाते वक्त साफ़ सफाई का ख़ास ध्यान रखा जाता है और हर सेवादार को मास्क और सिर को कवर रखने की हिदायत दी जाती है. सुबह के नाश्ते में रोटी व सब्ज़ी, दोपहर के खाने में चावल, रोटी व दाल और डिनर के लिए रोटी, दाल व सब्ज़ी तथा पैक्ड मिनरल वाटर दिया जाता है.

जम्मू (नजवाल) सेंटर में खाने के पैकेट तैयार करने का सिलसिला लगातार चल रहा है और मौजूदा समय में भी तीनों वक्त का खाना तैयार किया जा रहा है. भारत खबर से बात करते हुए सेंटर के प्रबंधकों ने बताया की सेंटर में पहले दिन से ही सेवादार लगातार सेवा कर रहे हैं और ज़िम्मेदारी के साथ ज़रूरतमंद लोगों के लिए खाने के पैकेट तैयार कर रहे हैं. हर रोज़ प्रशासन द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक़ ही पैकेट तैयार किये जाते हैं ताकि उतने ही पैकेट तैयार किये जाएं जितनी ज़रुरत है. लंगर में हाइजीनिक खाना बने और पैक किया जाये इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाता है.

राधा स्वामी सत्संग ब्यास जम्मू (नजवाल) सेंटर में लॉकडाउन के बाद से ही प्रशासन की तरफ से जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा क़्वारनटाईन सेंटर बनाया गया और ज़रुरत के मुताबिक़ लोगों को इस सेंटर में तय वक़्त के लिए रखने की सुविधा की गयी. इस सेंटर में क़्वारनटाईन होने के लिए भेजे जाने वाले लोगों और बाहरी राज्यों से वापिस आने वाले जिनमे ज़्यादातर मज़दूर और स्टूडेंट्स शामिल थे उन्हें भी खाना यहीं से मुहैया करवाया जाता रहा है.

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वहीं संस्था की तरफ से सेंटर में क्वारंटाइन करवाने के लिए लाये गए मुस्लिम समुदाय के लोगों को जो ज्यादतर कश्मीर से थे उन्हें रमज़ान के पवित्र महीने में सहरी और इफ्तारी के लिए खाने का जरूरी सामान भी मुहैय्या करवाया गया.लॉकडाउन के दौरान स्थिति को संभालने में राधा स्वामी संस्था ने दिया बड़ा योगदान

राधा स्वामी सत्संग ब्यास नजवाल सेंटर की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए विजयपुर के एस डी एम और सेंटर इंचार्ज, चंद्र प्रकाश कोतवाल ने कहा की अगर आज प्रशासन लॉकडाउन के दौरान स्थिति को अच्छे से संभाल पाया है तो इसमें राधा स्वामी सत्संग ब्यास खासकर नजवाल सेंटर का काफी योगदान है. लॉकडाउन के बाद जैसे ही प्रशासन को क़्वारनटाईन सेंटर तैयार करने के आदेश मिले, वैसे ही इन्होने प्रशासन को सत्संग सेंटर का इंफ्रास्ट्रक्चर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा जिसके तुरंत बाद ही 25 मार्च को यहां जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा क़्वारनटाईन सेंटर बनाया गया. यहां लोगों को सुविधाजनक ठहराने के लिए हर ज़रूरी चीज़ मौजूद थी जिसमे एक बड़ा शेड, साफ़ सुथरे टॉयलेट ब्लॉक्स और तीन वक्त का खाना शामिल था.

चंद्र प्रकाश कोतवाल ने बताया कि सेंटर को शुरू के दिनों में क़्वारनटाईन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया और करीब 1600 लोगों को यहां 14 दिनों के क़्वारनटाईन किया गया. हर रोज़ यहां से करीब एक हज़ार खाने के पैकेट इस सेंटर के इलावा बाकी के क़्वारनटाईन सेंटरों में भी भिजवाए जाते थे. उन्होंने कहा इसके बाद 28 अप्रैल को बाहरी राज्यों में फंसे हुए मज़दूरों और स्टूडेंट्स को वापिस लाने का सिलसिला शुरू हुआ और उन्हें भी इसी सेंटर में लाकर यहां से अलग अलग जिलों के लिए रवाना किया जाता था. करीब 34000 ऐसे लोगों को यहां से उनके घरों के लिए रवाना किया गया और उन सबको खाना भी यहीं से मुहैय्या होता रहा है.

क्योंकि अब बाहर से आने वाले लोगों की गिनती कम हुई है पर मौजूदा दिनों में भी हर रोज़ करीब 700 खाने के पैकेट अलग अलग क़्वारनटाईन सेंटरों में भेजे जा रहे हैं, चंद्र प्रकाश कोतवाल ने बताया.उच्चतम क़्वालिटी का खाना बनता है लोगों के लिए

खाने की क़्वालिटी पर बोलते और हुए चंद्र प्रकाश कोतवाल ने कहा कि राधा स्वामी संस्था वैसे भी साफ़ सफाई पर काफी ध्यान देती है और अगर आप इनकी रसोई (लंगर) देखेंगे तो लगेगा कि किसी होटल से कम नहीं हैं. उन्होंने कहा की खाना एकदम उच्च गुणवत्ता वाला बनाया जाता है और लोगों के साथ साथ इस सेंटर में तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी, सेंटर की सुरक्षा में लगे पुलिस और अन्य बलों के जवान और ड्यूटी पर तैनात बाकी कर्मचारी भी यहीं से खाना खा रहे हैं. उन्होंने कहा यहां तक की मैं और मेरी टीम पिछले तीन महीने से यहीं पर खाना खा रहे हैं. इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं की खाने की क़्वालिटी कैसी होगी. संस्था की तरफ से खाने की क़्वालिटी पर कभी समझौता नहीं किया गया. तीन समय के खाने के अलावा राधा स्वामी संस्था ने सेंटरों में रह रहे लोगों को चाय और बच्चों को दूध तक भी मुहैय्या करवाया हैं.

चंद्र प्रकाश कोतवाल ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास और ख़ास कर के नजवाल सेंटर को धन्यवाद देते हुए कहा की यहां स्थिति को अच्छे से संभालने में इनका काफी योगदान रहा है. प्रशासन को कभी कोई परेशानी इन्होने नहीं आने दी और हर संभव मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इनकी मदद की वजह से ही हज़ारों लोगों को प्रशासन उनके घरों तक पहुंचा पाया है.

राधा स्वामी सत्संग ब्यास नजवाल सेंटर के इलावा जम्मू के कई और जिलों के सेंटरों में भी इसी तरह से खाना तैयार किया जाता रहा है और लोगों तक पहुँचाया गया है.

उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने बाकी राज्यों कि ही तरह जम्मू कश्मीर सरकार को भी एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान की है ताकि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और बल मिल सके.

ऐसा पहली बार नहीं है कि राधा स्वामी संस्था मुश्किल वक्त में प्रशसन की मदद के लिए सामने आई है, विजयपुर इलाका अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर के नज़दीक होने के चलते और बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने के दौरान बॉर्डर पर बसे गावों में रहने वाले लोगों को भी प्रशासन द्वारा यहीं ठहराया जाता रहा है जिनके रहने और खाने पीने का इंतेज़ाम भी यही संस्था करती आयी है.

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देश के अन्य राज्यों में स्थित राधा स्वामी संस्था के प्रमुख केन्द्रो में भी लॉकडाउन के दौरान ज़रूरतमंद लोगों के लिए खाना तैयार किया जाता रहा है और ऐसे ही कुछ प्रमुख केंद्रों को वहां की सरकारों ने कोविड केअर सेंटर के रूप में तब्दील भी किया है. वहीँ दिल्ली सरकार ने छतरपुर इलाके में भाटी माइंस स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास के सत्संग सेंटर को कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर में परिवर्तित किया है जहाँ लगभग 10,000 बेड स्थापित करने की व्यवस्था की गयी है.

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