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बीजेपी की रैली का राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने किया थाली पीटकर विरोध

BIHAR बीजेपी की रैली का राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने किया थाली पीटकर विरोध

बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसी को लेकर बीजेपी केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली का आयोजन किया था।

पटना। बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसी को लेकर बीजेपी केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली का आयोजन किया था। जिसके जरिए वो बिहारवासियों को संबोधित करने वाले हैं। इसके लिए 72 बूथों पर स्क्रीन लगवाई गई हैं। जिसके जरिए बिहारवासी अमित शाह को सुन सकेंगे।

बता दें कि इसी रैली को लेकर RJD ने जमकर विरोध किया और विरोध में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने थाली बजाई। वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आह्वान पर आरजेडी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने रैली के विरोध में रविवार को 11 बजे से 10 मिनट तक ताली पीटी। साथ ही राबड़ी देवी भी बीजेपी की रैली के विरोध में अपने आवास के सामने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप के साथ थाली पीटती नजर आई। वहीं जेडीयू ने भी ताली पीटी और हाय-हाय के नारे लगाकर कार्यक्रम का विरोध किय़ा।

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आरजेडी ने मजदूर अधिकार दिवस के अंदर पूरे राज्य में थाली बयाई। इसके बाद तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कोरोना काल में गरीब का पेट खाली है और भूखमरी के कारण बिहार में हाहाकार मचा हुआ है और ये डबल इंजन सरकार राजनीति के लिए डिजिटल रैली कर रही है। ये रैली कोरोना से परेशान जनता की सहायता के लिए करनी चाहिए थी। उस पर तो ये सरकार मोन धारण करके बैठ जाती है। आरजेडी ऐसी पार्टी और जनता की मौत पर जश्न मनाने वाली पार्टी का विरोध करती है।

वहीं नीतीश पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि में नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं की क्या बिहार की जनता चोर है। सरकार ने गरीब मजदूरों के लिए क्या किया है सरकार इसका जवाब दे। सरकार प्रवासी मदजूरों को अपराधी बताती है। तेजस्‍वी ने पुलिस विभाग द्वारा बेरोजगार प्रवासी श्रमिकों द्वारा अपराध की आशंका को लेकर जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को इस पत्र के लिए माफी मांगनी चाहिए। आप अगर गरीबों का सम्‍मान नहीं कर सकते तो अपमान भी नहीं कीजिए। अगर पार्टी मजदूरों के लिए कुछ कर नहीं सकती तो उनका अपमान करने का भी सरकार को कई हक नहीं है।

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