पटना। ओडीशा के दानामांझी के बाद देश में एक के बाद एक शर्मसार कर देने वाली खबरें सामने आ रही है जिससे न केवल इंसानियत पर बल्कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। ताजा मामला बिहार के कटिहार का है जहां पर एम्बुलेंस के न मिलने पर परिवार वालों ने शव को प्लास्टिक के बोरे में बांधकर टांगकर खुद ही ले जाना पड़ा।
जिस तरह से कुछ दिन पहले एम्बुलेंस के अभाव में दानामांझी ने अपनी पत्नी के शव को कंधे पर ढोकर 10 किलोमीटर तक का सफर तय किया था ठीक उसी तरह कटिहार में एक परिवार ने अपने बेटे के शव को प्लास्टिक के थैले में बांधकर ले जाना पड़ा। कुछ दिन पहले गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण कुर्सेला थाना क्षेत्र के बालुटोला निवासी सिंटू साह नामक व्यक्ति की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। लेकिन काफी मश्क्कत करने के बाद चिंटू का शव परिवारवालों ने खोज निकाला।
इसके बाद स्थानीय थाने ने 25 सितंबर को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ और आखिर में शव को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेजा गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव को ले जाने के लिए कोई भी वाहन मुहैया नहीं कराया जिसके वजह से परिवारवालों ने शव को प्लास्टिक के बैग में डालकर ले जाना पड़ा। वहीं जब इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया लेकिन बाद में खुद को फंसता देख परिवारवालों को एम्बुलेंस मुहैया करा दी।